अनाज भंडारण योजना

प्रधानमंत्री मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के सूत्र के आधार पर इस अन्न भंडारण योजना की रूप-रेखा बनायी गयी है.

By संपादकीय | February 26, 2024 7:25 AM
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हमारा देश अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर है, लेकिन भंडारण की समुचित क्षमता के अभाव में ढेर सारा अन्न बर्बाद भी होता है और किसानों एवं कारोबारियों को नुकसान भी होता है. इस समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना शुरू की है. इस योजना के परीक्षण चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है, जिसके तहत 11 राज्यों के 11 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) में भंडारण योजना प्रारंभ हो रही है. उन्होंने 500 पैक्स में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी. भारत में दुनिया की 11 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि है, जबकि यहां वैश्विक आबादी के 18 प्रतिशत हिस्से का निवास है. संयुक्त राष्ट्र की संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन के 2021 के आकलन के अनुसार, हमारे देश में कुल अनाज उत्पादन 311 मिलियन मिट्रिक टन है, लेकिन भंडारण की कुल क्षमता केवल 145 मिलियन मिट्रिक टन की है.

दुनिया की अनेक देशों में भंडारण की क्षमता उत्पादन से 131 प्रतिशत अधिक तक है, जबकि हमारे देश में 47 प्रतिशत कम क्षमता है. प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि आर्थिक विकास में सहकारी समितियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं और इस संभावना को साकार करने की आवश्यकता है. उनके ‘सहकार से समृद्धि’ के सूत्र के आधार पर इस अन्न भंडारण योजना की रूप-रेखा बनायी गयी है. इस योजना के तहत पैक्स के स्तर से आगे तक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाना है, जिसमें गोदाम, आवश्यकतानुसार उपलब्ध होने वाले केंद्र, प्रसंस्करण इकाई आदि शामिल हैं. हमारे देश में अभी एक लाख से अधिक पैक्स हैं, जिनमें 13 करोड़ किसान सदस्य हैं. इस योजना से पैक्स की गतिविधियों का दायरा बढ़ेगा, अनाज का संरक्षण होगा तथा किसानों को उनकी पैदावार की बेहतर कीमत मिल सकेगी.

इंफ्रास्ट्रक्चर विकास ग्रामीण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार मुहैया कराने का वाहन भी बनेगा. अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों का अहम योगदान तो है ही, ग्रामीण क्षेत्र में मांग बढ़ने से उद्योगों का भी विकास होता है. केंद्र सरकार पहले से ही ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर ध्यान दे रही है. साथ ही, भारत के निर्यात प्रक्रिया में गांव और कस्बे तक को शामिल करने की पहल हुई है. भंडारण योजना से उन प्रयासों को भी बड़ा आधार मिलेगा. इस योजना को फलीभूत करने के लिए सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एक समिति गठित की गयी है, जिसमें कृषि एवं किसान कल्याण, उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, खाद्य संस्करण उद्योग के मंत्रियों के साथ सचिवों को सदस्य बनाया गया है. इस वर्ष अगस्त तक सभी पैक्स केंद्रों को कंप्यूटरीकृत भी कर लिया जायेगा.

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