भारत में साइबर अपराध का बढ़ता दायरा

आजकल साइबर अपराधी कॉल या मैसेज से लोगों को बिना कर्ज लिये ही कर्जदार बताकर वसूली कर रहे हैं. ऐसी ब्लैकमेलिंग छोटी राशि के लिए ज्यादा की जा रही है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग पुलिस में शिकायत नहीं करें.

By सतीश सिंह | April 17, 2024 10:32 PM
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अनुसंधानकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने हाल में ‘विश्व साइबर अपराध सूचकांक’ तैयार किया है, जिसके अनुसार साइबर अपराध के मामले में भारत दुनिया में 10वें स्थान पर है. इस सूचकांक में 100 देशों को शामिल किया गया है. ऐसे अपराधों के मामले में रूस शीर्ष पर है और फिर यूक्रेन, चीन, अमेरिका, नाइजीरिया, रोमानिया और उत्तर कोरिया हैं. भारत में कई तरह के साइबर अपराध होते हैं. हाल के वर्षों में कॉल फॉरवर्डिंग के जरिये अपराध करने की घटनाओं में तेजी आयी है. कॉल फॉरवर्डिंग एक ऐसा फीचर है, जिसकी मदद से एक कोड डायल कर सेवा शुरू या बंद की जा सकती है. कॉल फॉरवर्डिंग के जरिये स्कैमर कॉल कर उपभोक्ता को कहता है कि हम आपकी टेलीकॉम प्रोवाइडर कंपनी से बोल रहे हैं. हमने नोटिस किया है कि आपके नंबर पर नेटवर्क की समस्या है.

इसे दूर करने के लिए आपको ‘स्टार 401 हैशटैग’ डायल करना होगा. इसके बाद उपभोक्ता को अनजान नंबर पर कॉल करने के लिए कहा जाता है. जैसे ही उपभोक्ता कॉल करता है, उसके सभी कॉल और मैसेज स्कैमर के पास पहुंच जाते हैं, जिसमें बैंक और क्रेडिट कार्ड से हुए लेन-देन के ओटीपी भी शामिल होते हैं. इनका इस्तेमाल स्कैमर उपभोक्ता के खाते से पैसे निकालने, सोशल मीडिया में एक्सेस करने और नया सिम जारी करवाने में करते हैं. ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सरकार ने 15 अप्रैल से यूएसएसडी बेस्ड कॉल फॉरवर्डिंग की सेवा बंद कर दी है. उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहने को कहा है.

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