India–Qatar relations : खाड़ी सदस्य परिषद (जीसीसी) के छह सदस्य देशों में से महत्वपूर्ण देश कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल-सानी ने भारत की दो दिन की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत में आतंकवाद, व्यापार और दोतरफा सहयोग समेत विभिन्न मुद्दों पर जिस तरह चर्चा की, वह इन दो देशों के मजबूत होते संबंधों के बारे में बताता है.
उल्लेखनीय है कि भारत और कतर ने 2023 में आपसी राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे किये हैं. चूंकि भारत और कतर अब रणनीतिक साझेदार भी बन गये हैं, ऐसे में, दोनों देशों के बीच भविष्य में रणनीतिक सहयोग का रास्ता खुलने की उम्मीद बन गयी है. खाड़ी देशों में संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, ओमान और कुवैत के साथ पहले से ही भारत की रणनीतिक साझेदारियां हैं. यह पिछले कुछ वर्षों में उन खाड़ी देशों के साथ भारत के मजबूत होते संबंध का ही प्रमाण है, जहां एक करोड़ से भी अधिक भारतीय रोजगार और कारोबार में लगे हैं.
कतर भारत में एलएनजी और एलपीजी का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता भी है और पिछले वर्ष अपनी कतर यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वहां से एलएनजी आयात को 2028 से 20 साल तक बढ़ाने के लिए 78 अरब डॉलर के समझौते पर दस्तखत किये थे. साझा बैठक में सीमापार आतंकवाद समेत तमाम तरह के आतंकवाद की निंदा की गयी और व्यापार, निवेश, टेक्नोलॉजी, ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य प्रसंस्करण, फार्मास्युटिकल तथा लोगों की आवाजाही बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों ने अभिलेखों के संरक्षण, खेल तथा आर्थिक संबंध मजबूत करने के लिए सहमति पत्रों पर दस्तखत किये और दोहरे कराधान से बचने के समझौते में संशोधन भी किया.
अगले पांच वर्ष में दोतरफा व्यापार को दोगुना यानी 28 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है, तो संयुक्त बयान में खुफिया जानकारी साझा करने तथा मनी लॉन्ड्रिंग व साइबर अपराध के विरुद्ध सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी जतायी गयी है. कतर भारत में स्मार्ट सिटी, फूड पार्क, स्टार्ट अप्स, एआइ, रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में 10 अरब डॉलर के निवेश पर भी सहमत हो गया है. खाड़ी सहयोग परिषद के साथ मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में भारत पहले से ही बात कर रहा है, और अब कतर से भी उसने इस बारे में बात की है, जिससे भविष्य में दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंध और मजबूत होने की स्वाभाविक ही उम्मीद बनती है.