भारत ने 30 किलोवाट का लेजर हथियार बनाकर और आंध्र प्रदेश के कुरनुल स्थित नेशनल ओपन एयर रेंज में इसका सफलतापूर्वक प्रदर्शन कर रक्षा तकनीक के क्षेत्र में निश्चित तौर पर बहुत बड़ी सफलता हासिल की है. टेस्टिंग के दौरान इस हथियार ने एक छोटे विमान के अलावा सात ड्रोनों को न सिर्फ मार गिराया, बल्कि ड्रोन पर लगे कैमरों और सेंसरों को भी निष्क्रिय कर दिया. ये परीक्षण साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी तक किये गये. इसके साथ ही भारत लेजर हथियार बनाने की क्षमता हासिल करने वाले अमेरिका, रूस और चीन जैसे चुनींदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है. खास बात यह है कि इस अत्याधुनिक रक्षा प्रणाली में गोला-बारूद या रॉकेट का इस्तेमाल नहीं किया जाता. यह सिर्फ लाइट का हमला होता है, जो बिना आवाज किये हवाई खतरों को नष्ट कर देता है. इन हथियारों को डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स कहा जाता है और युद्ध के मैदान में कम खर्च में तत्काल परिणाम देने के कारण यह प्रणाली आने वाले दिनों में बेहद कारगर साबित होने वाली है. कुल 30 किलोवाट का यह लेजर हथियार पांच किलोमीटर की दूरी तक हवाई जहाज, मिसाइल और ड्रोन जैसे हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है.
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