National Sports Policy : प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जिस राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी), 2025 को मंजूरी दी है, वह भारत को खेलों में विश्वशक्ति बनाने की एक जरूरी और महत्वाकांक्षी योजना है. केंद्रीय मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय खेल महासंघों, खिलाड़ियों, खेल विशेषज्ञों और सार्वजनिक हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार की गयी इस नीति में 2047 तक भारत को खेलों में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है. वर्ष 2036 के ओलिंपिक खेलों समेत दूसरे वैश्विक खेल आयोजनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दूरदर्शी रोडमैप तैयार किया जायेगा.
यह नीति पांच प्रमुख लक्ष्यों पर आधारित है. वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता के तहत जमीनी स्तर से शीर्ष स्तर तक खेल कार्यक्रमों को सुदृढ़ करने, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में खेल का बुनियादी ढांचा विकसित करने, राष्ट्रीय खेल महासंघों की क्षमता और उसका प्रबंधन बढ़ाने तथा ट्रेनिंग, कोचिंग व एथलीट सपोर्ट के लिए विश्वस्तरीय व्यवस्था बनाने का लक्ष्य है. खेल पर्यटन को बढ़ावा देने, देश में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों का प्रयास करने, इस क्षेत्र में स्टार्ट-अप और उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा सार्वजनिक-निजी भागीदारी, कॉरपोरेट-सामाजिक दायित्व और अभिनव वित्तपोषण पहलों के जरिये निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का भी लक्ष्य है. खेलों के जरिये सामाजिक समावेशन पर भी जोर दिया जाना हैै.
स्वदेशी और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने तथा खेलों को एक आकर्षक करियर विकल्प के रूप में स्थापित करने से खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों की दुविधा दूर होगी. खेलों को जनांदोलन बनाना एक विराट लक्ष्य है, जिसके तहत खेलों में जन भागीदारी और फिटनेस की संस्कृति को बढ़ावा देने तथा स्कूल-कॉलेजों और कार्यस्थलों में फिटनेस सूचकांक शुरू करने की बात कही गयी है.
शिक्षा के साथ खेलों को जोड़ने का लक्ष्य भी व्यावहारिक है, जिसमें स्कूली पाठ्यक्रम में खेलों को शामिल करने और खेल, शिक्षा तथा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों और शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देने का उद्देश्य है. राष्ट्रीय खेल नीति, 2025 में एक मजबूत क्रियान्वयन ढांचा भी होगा, जिसमें प्रदर्शन के लिए तय मापदंड और समयसीमा होगी. यह नीति भारत को खेलों में विश्वशक्ति बनाने में तो मदद करेगी ही, फिट, समावेशी और सशक्त नागरिक भी बनायेगी.