इस वर्ष का अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा से फिर अर्थशास्त्र की नयी व्याख्या का सिलसिला शुरू हुआ है क्योंकि उनके शोध में कहा गया है कि आने समय में संस्थाओं की भूमिका को विशेष तौर पर सरकारों की नीतियों को आम लोगों के लिए खुशहाली की तलाश का जरिया बनाना होगा. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने अर्थशास्त्र के क्षेत्र में डारोन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए रॉबिन्सन को नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की है. इन्हें यह सम्मान संस्थान कैसे बनते हैं और लोगों की खुशहाली को कैसे प्रभावित करते हैं, इसके अध्ययन के लिए मिला है. डारोन ऐसमोग्लू, अर्मेनियाई मूल के तुर्क-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं, जो मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ाते हैं. उन्होंने अपने शोध में राजनीतिक और आर्थिक संस्थाओं के प्रभाव को समझने का प्रयास किया है. उनका काम दर्शाता है कि कैसे संस्थाएं विकास और समृद्धि को प्रभावित करती हैं. साइमन जॉनसन और जेम्स ए रॉबिन्सन भी अर्थशास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले विद्वान हैं, जिन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था की जटिलताओं को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.
अर्थशास्त्र की विशेष भूमिका को जिस तरह इन दिनों परिभाषित किया जा रहा है, वह एक अद्भुत अर्थशास्त्र और जीवन के प्रबंधन की स्थापना का नया युग है. इस वर्ष के विजेता अर्थशास्त्रियों का मत है कि अब नये अध्ययन, नयी परिभाषा एवं नये द्वार की आवश्यकता है. अर्थशास्त्री एवं विशेषज्ञ कहते हैं कि आगामी दिनों में अर्थशास्त्र की ऐसी क्रियाशील भूमिका हमें हर स्थान पर देखने को मिलेगी तथा सरकार और समुदाय अलग-अलग तरह से अर्थशास्त्र की व्याख्या करेंगे क्योंकि अब निजता के साथ-साथ छोटे समुदाय तथा समूहों में नयी आर्थिकता के सपने देखे जाने लगे हैं. माइक्रोइकोनॉमिक्स का फार्मूला बहुत से देशों ने अपनाया भी है, पर वह असफल भी हुआ है. कॉर्पोरेट घरानों तथा मध्यवर्गीय व्यापार संगठनों के साथ मध्यवर्गीय परिवारों के साथ लोगों के आगे जब-जैसे सवाल आता है, तो फिर आपको सोचना पड़ेगा कि आर्थिक शास्त्र के मूल्य कितने कारगर हैं. इस पर और शोध की जरूरत है. इन अर्थशास्त्रियों की राय तथा उनका निष्कर्ष यही है कि विश्लेषकों, आर्थिक विशेषज्ञों, पार्टियों तथा नेताओं को यह सोचना होगा कि वे अपने-अपने देश में कैसे अर्थ तंत्र तथा आर्थिक स्वतंत्रता के साथ-साथ अर्थशास्त्र के नये नियमों को लागू कर भविष्य को तथा मानवीय समस्याओं को किस तरह से हल कर सकते हैं.
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