प्याज उत्पादकों को राहत

केंद्र सरकार ने देश में प्याज की कीमत में आयी भारी तेजी को देखते हुए दिसंबर, 2023 में इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस निर्यात शुल्क को अब पूरी तरह से खत्म करने का फैसला लिया गया है. सरकार का यह फैसला एक अप्रैल से लागू हो जाएगा.

By संपादकीय | March 27, 2025 8:20 AM
an image

सरकार ने अब प्याज पर लगाया गया 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क भी हटाने का फैसला किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्याज की कीमतों में आयी भारी गिरावट से किसानों को राहत प्रदान करना है. माना यह जाता है कि इस निर्यात शुल्क की वजह से ही देशभर के किसानों को प्याज की सही कीमत नहीं मिल पा रही है. प्याज के कारोबारियों का कहना है कि प्याज का बंपर उत्पादन होने के बाद भी किसानों को इसका उचित दाम नहीं मिल पा रहा था. किसानों को इस नुकसान से बचाने के लिए ही सरकार ने प्याज से निर्यात शुल्क हटाने का फैसला किया है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना भी है कि प्याज के निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा, ताकि हमारे किसानों ने कड़ी मेहनत से जो प्याज उगाया है, वह वैश्विक बाजारों तक पहुंच सके और उन्हें बेहतर कीमत मिल सके.

भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक देश है और देश में सालाना लगभग तीन करोड़ टन प्याज पैदा होता है. इस वर्ष रबी प्याज का उत्पादन 227 लाख मीट्रिक टन है, जो पिछले वर्ष के 192 लाख टन से 18 प्रतिशत अधिक बताया जा रहा है. भारत के कुल प्याज उत्पादन में रबी प्याज का उत्पादन 70-75 फीसदी रहता है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश में प्याज की कीमत में आयी भारी तेजी को देखते हुए दिसंबर, 2023 में इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. मई, 2024 में सरकार ने 550 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य और 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क के साथ प्याज निर्यात की अनुमति दी थी. लेकिन किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार ने सितंबर, 2024 में न्यूनतम निर्यात मूल्य खत्म करने के साथ-साथ निर्यात शुल्क भी घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया था. इस निर्यात शुल्क को अब पूरी तरह से खत्म करने का फैसला लिया गया है. सरकार का यह फैसला एक अप्रैल से लागू हो जायेगा और फिर किसान पहले की तरह विदेश में प्याज बेच सकेंगे. सरकार के इस निर्णय से किसानों को तो निश्चित तौर पर फायदा होगा, लेकिन आम आदमी को प्याज खरीदने के लिए ज्यादा कीमत देनी पड़ सकती है. यही नहीं, सरकार के फैसले से बेहतर क्वालिटी वाले प्याज के बाहर चले जाने के भी आसार हैं. यानी उपभोक्ताओं को न केवल महंगा प्याज खरीदना पड़ सकता है, बल्कि प्याज की गुणवत्ता में गिरावट भी देखने को मिल सकती है.

संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version