आतंकी ठिकानों पर सटीक और निर्णायक कार्रवाई, पढ़ें अनिल त्रिगुणायत का लेख

Operation Sindoor : दुर्भाग्य से पाकिस्तान अपने सीमापार आतंकवाद को वैधता प्रदान करने के लिए परमाणु हमले की धमकी देता रहता है. चूंकि भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ गया है, ऐसे में पाकिस्तान के डीप स्टेट की गैरजिम्मेदारी पर अंकुश लगाने के लिए विश्व बिरादरी को सामने आना होगा.

By अनिल त्रिगुणायत | May 8, 2025 6:13 AM
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Operation Sindoor : पाकिस्तान को दिये गये इस जायज जवाब की वजह पिछले करीब चार दशकों से पाकिस्तान आधारित सीमापार आतंकवाद है. इस बार पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों को जिस तरह निशाना बनाया गया, वह तो बर्बरता की पराकाष्ठा थी. भारत ने इसका उचित जवाब देने का प्रण लिया था और बुधवार को तड़के उसने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंक के नौ ठिकानों और ढांचों पर सटीक और निर्णायक हमले किये. इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना नहीं बनाया, क्योंकि भारत की यह कार्रवाई पाकिस्तान को दी गयी चेतावनी है. अब यह आगे रावलपिंडी की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा.

दुर्भाग्य से पाकिस्तान अपने सीमापार आतंकवाद को वैधता प्रदान करने के लिए परमाणु हमले की धमकी देता रहता है. चूंकि भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ गया है, ऐसे में पाकिस्तान के डीप स्टेट की गैरजिम्मेदारी पर अंकुश लगाने के लिए विश्व बिरादरी को सामने आना होगा. पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा और स्थिरता बनाये रखने के लिए एक जिम्मेदार देश का परिचय देना होगा तथा लश्कर और जैश तथा दूसरे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. लिहाजा मौजूदा स्थिति में जो भी देश भारत-पाक विवाद के बीच मध्यस्थता करना चाहता है, उसे पहले इस प्रमुख मुद्दे का हल निकालने के बारे में सोचना होगा. भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन वह हर कीमत पर अपनी रक्षा करेगा.


व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि हमने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई अपने बल पर की है, किसी देश के समर्थन से नहीं. अमेरिका के सामने जब आतंकवाद की चुनौती आयी, तो उससे निपटने में उसने कोई असर नहीं छोड़ी. अपने स्तर पर और दूसरों की मदद से उसने आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाया. रूस को यूक्रेन के खिलाफ कार्रवाई करनी थी, तो उसने की. फिर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने में हमें क्यों हिचकना चाहिए था? हमें अपनी चिंता खुद करनी होगी. विश्व विरादरी में आतंकवाद के खिलाफ हमारे साथ खड़े होने वाले अनेक दोस्त और साझेदार हैं, जो हमारे इस कदम की प्रशंसा कर रहे हैं.

पहलगाम हमले के तुरंत बाद देश के भीतर से पाकिस्तान को इसका माकूल जवाब दिये जाने की बात कही जा रही थी और पूरा देश गुस्से में भरा हुआ था. उस समय हमने पाकिस्तान के खिलाफ जो कदम उठाये, वे भी बेहद आवश्यक थे. हमने पाक नागरिकों का वीजा बंद किया. यहां रह रहे पाक नागरिकों को वापस उनके देश भेजने की कवायद शुरू की. फिर हम लगातार कश्मीर में आतंकवादियों की तलाशी के अभियान में लगे हुए हैं. ये सब एक तरह से इंटरनल क्लीनिंग-यानी आंतरिक स्तर पर साफ-सफाई के अभियान थे.

पाकिस्तान का पानी रोकने का फैसला उसके खिलाफ एक बेहद प्रभावी हथियार साबित हुआ है. कहा जा रहा था कि पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा कोई कदम उठाया जाना चाहिए, जिसका असर जमीनी स्तर पर दिखता हो. यह कार्रवाई उसी दिशा में उठाया गया कदम है. इस समय पाकिस्तान बहुत जर्जर स्थिति में है, लिहाजा उस पर लगातार प्रहार करने का यह उचित समय है. दूसरा यह कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भारी समर्थन भारत के साथ है. इस लिहाज से हमारी ओर से उठाया गया कदम बिल्कुल सही है. लेकिन हमारी कार्रवाई सतत जारी रहनी चाहिए.  

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