Ragging: देश भर के उच्च शिक्षा संस्थानों में रैगिंग के बढ़ते मामले चौंकाने वाले तो हैं ही, ज्यादा क्षुब्ध करने वाली बात यह है कि रैगिंग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के विस्तृत दिशा-निर्देशों पर अमल करने की कोशिश भी कहीं नहीं दिखती.
By संपादकीय | February 21, 2025 6:30 AM
Ragging: हाल के दौर में उच्च शिक्षा संस्थानों में रैगिंग के मामलों में हुई वृद्धि चौंकाने वाली है और इससे यह भी साफ है कि इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का कैसा उल्लंघन हो रहा है. भुवनेश्वर स्थित एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में रैगिंग से नेपाल की एक छात्रा की आत्महत्या के बाद उस संस्थान के नेपाली छात्र इतने आशंकित बताये जाते हैं कि मुख्यमंत्री को उन छात्रों से लौटने का आग्रह करना पड़ा है, तो इसी महीने केरल के कोट्टायम स्थित एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज में रैगिंग के नाम पर जूनियर छात्रों से दरिंदगी पर पांच छात्रों को गिरफ्तार किया गया, जो विगत नवंबर से ही उन छात्रों की रैगिंग कर रहे थे. यह मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि तिरुवनंतपुरम के एक सरकारी कॉलेज में सीनियर छात्रों ने रैगिंग के नाम पर एक छात्र की पिटाई की.
Ragging: कर्नाटक के बीजापुर में मेडिकल की छात्रा के साथ रैंगिंग
कर्नाटक के बीजापुर स्थित एक मेडिकल कॉलेज में एक कश्मीरी छात्र की रैगिंग से क्षुब्ध जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री को कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई करने की मांग करनी पड़ी है. वर्ष 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने उच्च शिक्षा संस्थानों में रैगिंग खत्म करने के लिए जो दिशा-निर्देश तय किये थे, उनमें बताया गया था कि संस्थान के प्रमुख या अधिकृत एंटी-रैगिंग समिति के सदस्यों को मामलों का तुरंत आकलन करना चाहिए और 24 घंटे के अंदर पुलिस और स्थानीय अधिकारियों के पास एफआइआर दर्ज करनी चाहिए. ऐसे ही, यूजीसी के नियमों में कहा गया है कि छात्रों को हर शैक्षणिक वर्ष में यह शपथ पत्र देना होगा कि वे रैगिंग के किसी भी कृत्य में शामिल नहीं होंगे. लेकिन हाल के वर्षों में उच्च शिक्षा संस्थानों में रैगिंग के बढ़ते मामलों से साफ है कि इन दिशा-निर्देशों को अमल में लाने के लिए खास कुछ किया नहीं गया है.
2012 से 2023 के बीच रैगिंग की 8,000 शिकायतें
वर्ष 2012 से 2023 के बीच का आंकड़ा बताता है कि इस दौरान यूजीसी की हेल्पलाइन नंबर पर रैगिंग की 8,000 शिकायतें आयीं, रैगिंग से हुई मौत या खुदकुशी के कुल मामले 78 आये. इस अवधि में रैगिंग की सर्वाधिक 1,202 शिकायतें उत्तर प्रदेश से आयीं, तो रैगिंग से मौत या खुदकुशी के सर्वाधिक आंकड़े महाराष्ट्र में पाये गये. सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों में रैगिंग की शिकायत वाले कॉलेजों के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान है. पर अब तक किसी कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई न होना बताने के लिए काफी है कि रैगिंग के विकराल रूप धरने के बावजूद इसे रोकने के लिए धरातल पर कुछ किया नहीं गया है.