कचरा प्रबंधन में कोताही

Waste Management : अदालत ने कहा कि सभी स्मार्ट सिटी परियोजनाएं प्रगति पर हैं. परंतु, ठोस कचरा प्रबंधन नियमों के अनुपालन के बगैर शहर स्मार्ट कैसे रह सकते हैं?

By संपादकीय | February 26, 2025 6:30 AM
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Waste Management : सर्वोच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण और कचरा प्रबंधन पर सुनवाई के दौरान 2016 में लागू किये गये ठोस कचरा प्रबंधन नियम के पूर्णत: अनुपालन की जो जरूरत बतायी है, उसे समझा जाना चाहिए. उसने कहा है कि कचरा जहां से निकल रहा है, वहीं उसे अलग करना पर्यावरण के लिए जरूरी है. कचरे को अलग किये बगैर सीधे संयंत्रों में भेजने से अधिक प्रदूषण होता है. वैसे में, कचरे से ऊर्जा बनाने वाली परियोजनाएं भी अधिक प्रदूषण फैलायेंगी.

अदालत ने ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 का हवाला देते हुए कहा कि इसका पालन न करने से सभी शहर प्रभावित हुए हैं. वर्ष 2016 में लागू किये गये इस नियम के तहत अपशिष्ट प्रबंधन में विभिन्न परिवर्तन किये गये हैं, जिसमें पर्यावरण को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए अपशिष्ट के न्यूनीकरण, पुनर्चक्रण और प्रबंधन के संबंध में विभिन्न हितधारकों पर जिम्मेदारियां लागू करना शामिल है. लेकिन अभी ज्यादातर शहरों से कूड़ा बाहर निकाल कर उसे कहीं और डंप कर दिया जाता है, जो पर्यावरण के हित में नहीं हैं.

अदालत ने कहा कि सभी स्मार्ट सिटी परियोजनाएं प्रगति पर हैं. परंतु, ठोस कचरा प्रबंधन नियमों के अनुपालन के बगैर शहर स्मार्ट कैसे रह सकते हैं? चूंकि इस मामले में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की स्थिति सबसे खराब है, इसे देखते हुए पीठ ने एनसीआर में ठोस कचरा प्रबंधन नियम के अमल पर राज्यों को 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है. अदालत ने जहां एनसीआर के शहरों में ठोस कचरा प्रबंधन पर समयबद्ध योजना बताने के लिए कहा है, वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कचरे से उत्पन्न ऊर्जा के पर्यावरण पर असर को लेकर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया है.

पिछले महीने भी अदालत ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों की विफलता को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा था कि हम एक गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं, क्योंकि दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 3,000 टन ठोस कचरा बिना निपटाये रह जाता है. समय के साथ यह आंकड़ा और बढ़ेगा. अदालत ने तब यह भी कहा कि अगर दिल्ली में ठोस कचरा प्रबंधन नियम का अनुपालन नहीं हुआ, तो वह निर्माण कार्यों पर रोक लगा देगी. जाहिर है, अगर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कूड़ा प्रबंधन में नियमों का अनुपालन नहीं किया गया, तो देशभर के दूसरे शहरों में कूड़ों के निपटान में व्याप्त बदइंतजामी को कैसे दूर किया जा सकेगा?

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