Table of Contents
- 1953 में सरकार ने किया अधिग्रहण
- 2022 को टाटा संस की हुई एयर इंडिया
- 470 नए विमानों की खरीद का ऑर्डर
- एयर इंडिया के खिलाफ शिकायतों की भरमार
Air India Plane Crash: भारत में एयरलाइंस की शुरुआत टाटा ग्रुप ने 1932 में की थी. जेआरडी टाटा ने 15 अक्टूबर 1932 को इसे टाटा एयरलाइंस का नाम दिया था. जेआरडी टाटा ने दो लाख रुपये की लागत से कंपनी स्थापित की थी. उन्होंने एक साल में 115 यात्री और 11 टन चिठ्ठियां पहुंचायी थीं. उन्हें अंग्रेज सरकार से हर चिठ्ठी पर चार आने मिलते थे. कहा जाता है कि टाटा एयरलाइंस का ऑफिस एक कच्चे मकान में था. जबकि एक मैदान में बने रनवे से हवाई जहाज टेक ऑफ और लैंडिंग करता था.
1953 में सरकार ने किया अधिग्रहण
देश की आजादी के बाद 1947 में भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी ले ली थी. इसके बाद कांग्रेस सरकार ने 1953 में एयर कार्पोरेशन एक्ट पास करके टाटा समूह से इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया था. इस तरह एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था. एयर इंडिया का लोगो लाल रंग का उड़ता हुआ हंस है. इसमें नारंगी रंग से कोणार्क सूर्य मंदिर का चक्र बना हुआ है. जो उसके टेल पर बना रहता है. एयर इंडिया कंपनी के शुभांकर महाराजा को 1946 में बनाया गया था. कंपनी का राष्ट्रीयकरण होने के बाद भी जेआरडी टाटा एयर इंडिया से जुड़े रहे.
प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1953 में जेआरडी टाटा को एयर इंडिया का चेयरमैन बना दिया था. वह लगातार 25 साल तक एयर इंडिया के चेयरमैन रहे. वो एयर इंडिया का स्वर्णिम दौर था.
2022 को टाटा संस की हुई एयर इंडिया
एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण होने के बाद उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहा. कभी भारत की मुख्य एयरलाइंस होने वाली एयर इंडिया कुप्रबंधन से लाखों करोड़ के घाटे में चली गई. जिससे वह कभी उबर नहीं पायी. इसके बाद टाटा संस ने एक बार फिर इस मरती हुई एयरलाइंस कंपनी को सहारा देने के लिए हाथ बढ़ाया. टाटा संस ने अपनी सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 27 जनवरी 2022 को एयर इंडिया 100 फीसदी हिस्सेदारी सरकार से ली थी. इसके उन्हें 18 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे.
470 नए विमानों की खरीद का ऑर्डर
सरकार से एयर इंडिया को खरीदने के बाद से टाटा ग्रुप लगातार इसमें सुधार की कोशिश में जुटा था. फ्लाइट का समय प्रबंधन और पायलट, केबिन क्रू से लेकर ग्राउंड स्टाफ के सुधार के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया गया. नए विमानों का ऑर्डर दिया गया. जिसमें कुल 470 विमान शामिल थे. इसमें 250 एयरबस और 220 बोइंग को ऑर्डर था. एयर इंडिया ने दिसंबर 2024 में A321 नियो सहित 100 अतिरिक्त वाइड-बॉडी A350 और 90 नैरो बॉडी A320 विमानों का ऑर्डर दिया था.
एयर इंडिया के खिलाफ शिकायतों की भरमार
टाटा संस के अधिग्रहण के बाद भी एयर इंडिया के स्थितियां सुधर नहीं रही हैं. उड़ान में देरी, खाने की गुणवत्ता और प्लेन की कुर्सियों की शिकायतें एयर इंडिया के पैसेंजर्स ने समय-समय पर की हैं. इनमें फरवरी 2025 में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टूटी और धंसी हुई कुंसी की शिकायत की थी. इस पर डीजीसीए कड़ा रुख अपनाते हुए एयर इंडिया से जवाब मांगा था. महाराष्ट्र की सांसद सुप्रिया सुले ने उड़ान में देरी की शिकायत प्रबंधन से की थी. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर डेविड वार्नर ने भी एक्स पर लिखा था कि यदि एयर इंडिया के पास पायलट नहीं है तो यात्रियों को प्लेन में क्यों बैठाया गया. इसके अलावा डीजीसीए ने फरवरी 2024 में एक बुजुर्ग यात्री को व्हीलचेयर देने देरी पर एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये जुर्माना लगाया था.
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