BrahMos Missile: जल, थल व नभ से वार करेगी ब्रह्मोस, ध्वनि की गति से तीन गुना तेज होगी रफ्तार

BrahMos Missile: भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने की 2018-19 के केंद्रीय बजट के दौरान घोषणा की थी. इसी उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UP Defense Industrial Corridor) के लखनऊ नोड पर दुनिया की सबसे विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' की प्रोडक्शन यूनिट की रविवार 11 मई से शुरुआत होगी.

By Amit Yadav | May 11, 2025 9:39 AM
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BrahMos Missile: उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UP Defense Industrial Corridor) में की थी. इस कॉरिडोर के छह नोड्स लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट हैं. लखनऊ नोड में ब्रह्मोस यूनिट के साथ-साथ डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (DTIS) का भी शिलान्यास होगा. यहां रक्षा उत्पादों के परीक्षण और सर्टिफिकेशन का काम होगा. इस यूनिट पर प्रतिदिन 100 ब्रह्मोस मिसाइल बनाई जाएंगी.

ध्वनि की गति से तीन गुना ज्यादा तेज

ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है. इसके लिए यूपी सरकार ने 80 हेक्टेयर जमीन निःशुल्क उपलब्ध कराई थी. ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस का संयुक्त उद्यम है. यह दुनिया की सबसे तेज सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर और गति माक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है. यह मिसाइल जमीन, हवा, और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है. ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर काम करती है और दुश्मन के राडार से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है. भविष्य में इसकी गति और रेंज बढ़ाने पर भी कार्य हो रहा है.

चंद्रयान मिशन के उपकरण बनेंगे

ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट के अतिरिक्त यूपी डिफेंस कॉरिडोर में टाइटेनियम एंड सुपर एलॉयस मैटेरियल्स प्लांट (स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स) का भी उद्घाटन होगा. यह प्लांट एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए उपकरण बनाएगा. जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा. इस मौके पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी परियोजना का भी लोकार्पण होगा, जो मिसाइलों के परीक्षण और एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

रक्षा आयात पर कम होगी निर्भरता

उत्तर प्रदेश से पहले तमिलनाडु में 2019 में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित किया जा चुका है. दोनों कॉरिडोर ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का हिस्सा हैं. जिसका लक्ष्य रक्षा आयात पर निर्भरता कम करना, स्वदेशी उत्पादन बढ़ाना और रोजगार सृजन करना है. यह कॉरिडोर निजी कंपनियों, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगा. उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के सभी नोड्स पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और अन्य प्रमुख राजमार्गों के कैचमेंट एरिया में हैं. इससे लॉजिस्टिक्स और परिवहन आसान होगा.

ब्रह्मोस की विशेषताएं

  • ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस का संयुक्त उद्यम
  • दुनिया की सबसे तेज सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल
  • मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर
  • गति माक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना)
  • जमीन, हवा, और समुद्र से लॉन्चिंग
  • ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर काम
  • दुश्मन के राडार से बचकर सटीक निशाना लगाने में सक्षम
  • टारगेट चेंज करना भी संभव

पढ़ें प्रभात खबर प्रीमियर स्टोरी: दुश्मनों के लिए कहर बनेंगी यूपी में बनी AK-203 और ब्रह्मोस मिसाइल

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