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Chenab Bridge: पीएम नरेंद्र मोदी ने 43 हजार करोड़ रुपये की लागत से बने, फ्रांस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचे चिनाब रेलवे ब्रिज का शुक्रवार को लोकार्पण कर दिया. इससे कश्मीर घाटी रेल मार्ग से भी देश से जुड़ जाएगी. रेल लिंक शुरू होने से कश्मीर का पर्यटन बढ़ेगा और देश की सीमाओं की सुरक्षा भी आसान होगी. खासतौर से हिमालय के पीर पंजाल दर्रे पर भी नजर रखना आसान होगा. जो कि आतंकियों के लिए कश्मीर में घुसने का आसान रास्ता है.
कश्मीर की सीमाएं सुरक्षित
चिनाब पुल बनने से कश्मीर के पीर पंजाल क्षेत्र की सुरक्षा आसान हो जाएगी. इसी क्षेत्र से पाकिस्तान आतंकियों को कश्मीर घाटी में भेजता है. पहलगाम हमले के बाद भी पीर पंजाल से जुड़ी बैसरन घाटी के जंगलों में आतंकी छिप गए थे. इस पुल के बनने से सड़क, वायु मार्ग के अलावा अब रेल मार्ग से भी सुरक्षा बल आवागमन कर सकेंगे. 360 डिग्री घूमने वाले सीसीटीवी से 24 घंटे पुल की निगरानी होगी.
मॉर्डन इंजीनियरिंग और डिजाइन
चिनाब रेलवे ब्रिज उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक परियोजना के तहत बनाया गया है. इस ब्रिज के निर्माण के लिए कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड को एग्जीक्यूटिव एजेंसी और डिजाइन कंसल्टेंट बनाया गया था. जो कि इस तरह के ब्रिज बनाने के लिए रेलवे की स्पेशल विंग है. इस रूट पर दुनिया के सबसे ऊंचे आर्च ब्रिज चिनाब पुल के अलावा देश का पहला केबल स्टे अंजी ब्रिज भी है. दोनों ही मॉर्डन इंजीनियरिंग और डिजाइन के लैंड मार्क हैं. चिनाब ब्रिज को दो पहाड़ों के बीच बनाया गया है. चिनाब के तल से इसकी ऊंचाई 359 मीटर है. यानी कि इसके नीचे पूरे एफिल टॉवर को खड़ा किया जा सकता है. इसके बावजूद चिनाब ब्रिज 35 मीटर ऊंचा रहेगा.
क्यों है इतना खास
- यूएसबीआरएल को 2002 में नेशनल प्रोजेक्ट घोषित किया गया
- दिसंबर 2003 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली.
- शुरुआत में 2009 तक इसे तैयार किया जाना था. लेकिन सुरक्षा कारणों से तय समय पर काम शुरू नहीं हुआ.
- 2009 में इसका डिजाइन अप्रूव किया गया. इसके बाद अगस्त 2010 में पुल का काम शुरू हुआ.
- नवंबर 2017 में चिनाब पुल के बेस सपोर्ट का काम पूरा हुआ.
- 2017 के बाद इसके मुख्य हिस्से आर्च का निर्माण शुरू किया गया.
- अगस्त 2022 में चिनाब ब्रिज बनकर तैयार हुआ.
- फरवरी 2023 में इस पर रेल ट्रैक बिछाने का कार्य शुरू किया गया.
- जून 2024 आर्च ब्रिज पर 8 कोच की मैमू ट्रेन का सफल ट्रायल रन किया गया.
- इस पुल पर 100 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन दौड़ पाएगी.
- सिस्मिक जोन 5 के अनुसार डिजाइन किया गया. इससे चिनाब ब्रिज रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता तक के भूकंप को भी झेल सकता है.
- ये ब्रिज 266 किलोमीटर प्रति घंटे से चलने वाली हवाएं भी झेल सकता है.
- एक वक्त में 2200 मजदूर काम करते थे.
38 टनल, 927 छोटे-बड़े ब्रिज
- एफिल टॉवर से भी ऊंचा ब्रिज है. एफिल टॉवर इससे 35 मीटर छोटा है.
- चिनाब नदी के तल से 359 मीटर ऊंचा है.
- लाइफ 120 साल
- ऊधमपुर से बारामूला तक 272 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक
- पूरे ट्रैक पर 119 किलोमीटर लंबी 38 टनल बनायी गई
- टी-49 देश की सबसे लंबी टनल है
- कुल 927 ब्रिज पूरे ट्रैक पर
- 29 हजार मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया. इतने लोहे से 10 सामान्य ब्रिज बनाए जा सकते हैं.
- कुल 46 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल
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