Table of Contents
- डीजीसीए के रिव्यू के बीच दूसरी दुर्घटना
- सवारी कम करने के दिए थे निर्देश
- मानकों की अनदेखी
- बीते दिनों हुई दुर्घटनाएं
- देश में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बड़े मामले
Helicopter Crashes: 7 जून को रुद्रप्रयाग उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर की सड़क पर इमरजेंसी लैंडिंग. 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट की टेक ऑफ के समय दुर्घटना में पायलट व क्रू मेंबर सहित 241 लोगों की मौत. 15 जून को केदारनाथ से लौट रहे हेलिकॉप्टर की दुर्घटना में सात पायलट सहित सात यात्रियों की मौत. बीते कुछ दिन हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर की दुर्घटनाओं के कारण बीते कुछ दिन बहुत ..में बीते हैं. इन दुर्घटनाओं का कारण हवा में उड़ने वाली मशीनों के रखरखाव, मानवीय भूल और अन्य आपात कारणों को माना जा रहा है. लेकिन अचानक इतनी तेजी से दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ने को कहीं न कहीं लापरवाही से भी देखा जा रहा है.
डीजीसीए के रिव्यू के बीच दूसरी दुर्घटना
उत्तराखंड में खराब मौसम में हेलीकॉप्टर उड़ाना और उसकी मेनटेनंस को अनदेखा करना दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण माना जा रहा है. रुद्रप्रयाग में 7 जून को हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग और उसकी टेल टूटने की दुर्घटना के बाद डीजीसीए उत्तराखंड में हेली सर्विस का रिव्यू कर रहा था. ये रिव्यू 10 दिन तक चलना था. डीजीसीए ने हेलीकॉप्टर की उड़ानों को प्रतिबंधित करते हुए एक घंटे में 9 से 10 कर दिया है. जबकि पहले एक घंटे में एक हेलिकॉप्टर 25 उड़ान तक भर रहे थे. 15 जून की घटना के बाद अब उत्तराखंड में हेली सर्विस पर रोक लगा दी गई है.
सवारी कम करने के दिए थे निर्देश
डीजीसीए ने उत्तराखंड में केदारनाथ के लिए चल रही हेली सर्विस पर कई अन्य प्रतिबंध भी लगाए हैं. इनमें सवारियों की संख्या को भी नियंत्रित किया गया है. अभी तक एक हेलीकॉप्टर में 6 सवारियां बैठायी जा रही थीं. डीजीसीए ने इसे चार कर दिया था. डीजीसीए हेलीकॉप्टर की एक-एक उड़ान का रिव्यू कर रहा है. गौरतलब है कि 11 व 12 जून को मौसम खराब होने के कारण कुछ ही उड़ान हुई थी. जबकि 7 से 10 जून तक कुल 790 उड़ान में 2745 श्रद्धालुओं ने उड़ान भरी थी. अब डीजीसीएस हेलीकॉप्टर के वजन, एक उड़ान के बीच में हेलीकॉप्टर व पायलट को रेस्ट जैसी जरूरतों पर भी ध्यान दिया जा रहा है. हेलीकॉप्टर की उम्र और पायलट के एक्सपीरियंस का भी रिव्यू किया जा रहा है.
मानकों की अनदेखी
केदारनाथ रूट पर हेली सर्विस के लिए कई मानक तय हैं. प्रत्येक हेलीकॉप्टर को मंदाकिनी नदी के तट से 600 मीटर ऊपर उड़ान की अनुमति है. क्योंकि मंदाकिनी नदी के ऊपर केदारनाथ धाम तक रूट काफी पतला है. ऐसे में वहां एक बार में दो ही हेलीकॉप्टर आना-जाना कर सकते हैं. लेकिन कंपनियां एक बार में तीन-तीन हेलीकॉप्टर भी यहां से निकालते हैं. शाम होने के बाद भी कई हेलीकॉप्टर उड़ान भरते हुए पाए गए जा चुके हैं. लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
बीते दिनों हुई दुर्घटनाएं
- 08 मई 2025 गंगनानी गंगोत्री मार्ग छह यात्रियों की मौत
- 12 मई 2025 बद्रीनाथ धाम से उड़ान भरते समय हेलीकॉप्टर अनियंत्रित, इमरजेंसी लैंडिंग
- 13 मई 2025 बद्रीनाथ से श्रद्धालुओं को लेकर वापस लौट रहे हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग
- 17 मई केदारनाथ हेलीपैड पर एयर एंबुलेंस क्रैश, सभी लोग बचे
- 07 जून 2025 बड़ासू रुद्रप्रयाग में हाइवे पर इमरजेंसी लैंडिंग
- 15 जून 2025 त्रियुगीनारायण गौरीकुंड में हेलीकॉप्टर क्रैश, 6 की मौत
देश में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बड़े मामले
- तमिलनाडु के कुन्नूर में आमी का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. इसमें सीडीएस विपिन रावत सवार थे. एमआई17-वी5 श्रेणी के इस हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे. नीलगिरी की जंगलों में क्रैश हो गया था. ये सबसे एडवांस और वीवीआईपी हेलिकॉप्टर था. डबल इंजन था
- सितंबर 2009 में आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें चार अन्य लोग भी सवार थे. हेलिकॉप्टर का मलबा रुद्रकोंडा पहाड़ी पर पाया गया था.
- अप्रैल 2011 में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी. तवांग से उड़ान भरने के 20 मिनट बाद हेलिकॉप्टर लापता हो गया था. हादसे के पांचवे दिन हेलिकॉप्टर का मलबा मिला था. इसमें भी सभी लोग मारे गए थे.
- मार्च 2002 में लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष जीएमसी बालयोगी की आंध्र प्रदेश के पश्चिमकी गोदवरी में हेलिकॉप्टर र्घटना में मौत हो गई थी. इसमें भी तीन लोगों की मौत हुई थी.
- अप्रैल 2005 में इस्पात व्यापारी और हरियाणा के ऊर्जा मंत्री ओपी जिंदल भी हेलिकॉप्टर दुर्घटन में मारे गए थे. उनके साथ हरियाणा के पूर्व सीएम बंशीलाल के बेटे सुरिंदर सिंह और पायलट की भी मौत हो गई थी.
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