2022 में नौसेना में शामिल
आईएनएस विक्रांत पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है. यह कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है. इसे 2022 में भारतीय नौसेना में शामिल किया था. इसका भारत के पुराने विमान वाहक पोत विक्रांत के नाम पर ही रखा गया. 1971 की लड़ाई में विक्रांत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पाकिस्तान ने उस लड़ाई में अपनी पनडुब्बी गाजी को आईएनएस विक्रांत को नष्ट करने के लिए भेजा था. लेकिन भारतीय नौसेना ने गाजी को समुद्र में डुबो दिया था. नए आईएनएस विक्रांत के बेड़े में विध्वंसक, पनडुब्बीरोधी फ्रिगेट, अन्य सहायक युद्धपोत शामिल हैं. यह अकेले ही समुद्र के रास्ते पाकिस्तान को चुनौती देने में सक्षम है.
ये है क्षमता
- 76 फीसदी स्वदेशी उपकरण
- 262 मीटर लंबाई
- 62 मीटर चौड़ाई
- 59 मीटर ऊंचाई
- 45 हजार टन वजन
- 28 नॉट या 52 किमी प्रतिघंटा गति
- 7500 नॉटिकल मील रेंज
- 18 डेक
- 2400 कमरे
- 1600 नौसैनिकों के रहने की व्यवस्था
- अस्पताल, स्वीमिंग पूल, आधुनिक रसोई, जिम भी है
- बचाव, हमला, पनडुब्बी रोधी मिसाइल से लैस
मारक क्षमता
- 30 से अधिक लड़ाकू विमान व हेलीकॉप्टर ले जाने की क्षमता
- मिग 29के लड़ाकू विमान
- कामोव-31 हेलीकॉप्टर
- एमएच-60आर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर
- एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव शामिल
- ऑओमेलारा 76एमएम गन, एके-630 टारपीडो, बराक-8 मिसाइल, ब्रह्मोस मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस
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