जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद देश में उपराष्ट्रपति का पद खाली, कोई नहीं होगा कार्यवाहक?

Jagdeep Dhankhar : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा देश में एक अलग तरह की बहस छेड़ रहा है क्योंकि वे देश के महज तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया. उनसे पहले वीवी गिरि और आर वेंकटरमन ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन इन दोनों की परिस्थितियां अलग थीं, क्योंकि दोनों ने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए पद त्यागा था और जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से पद त्यागा है.

By Rajneesh Anand | July 22, 2025 6:28 PM
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Jagdeep Dhankhar : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार 21 जुलाई को इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के बाद से बहस बढ़ गई है कि आखिर ऐसी क्या बात हुई कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही इस्तीफा दे दिया और अब कौन देश का अगला उपराष्ट्रपति होगा? इस बारे में संविधान में क्या है व्यवस्था? विपक्ष सरकार और बीजेपी पर हमलावर है और जो लोग जगदीप धनखड़ की बयानबाजी से नाराज रहते थे, वो ये कह रहे हैं कि बीजेपी ने साजिश करके एक काबिल व्यक्ति को पद से हटा दिया.

उपराष्ट्रपति अगर कार्यकाल के बीच में पद त्यागे, तो आगे क्या है व्यवस्था

उपराष्ट्रपति का पद एक संवैधानिक पद है और यह देश के राष्ट्रपति के बाद सबसे अहम पद होता है. संविधान में यह व्यवस्था है कि उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने के पहले ही नए उपराष्ट्रपति को चुन लिया जाता है. लेकिन अगर मध्यावधि चुनाव की जरूरत हो, तो कार्यवाहक उपराष्ट्रपति की कोई व्यवस्था संविधान में नहीं की गई है. अब चूंकि जगदीप धनखड़ ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है, तो एक तरह से देश में उपराष्ट्रपति का पद खाली हो गया है. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और फिलहाल संसद का मानसून सत्र चल रहा है, इसलिए उपसभापति हरिवंश को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे सभापति का कार्यभार संभालें. विधायी मामलों के विशेषज्ञ अयोध्यानाथ मिश्रा बताते हैं कि संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति जैसी कोई व्यवस्था नहीं है. दरअसल राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पद को अलग करके नहीं देखा जाता सकता है, दरअसल दोनों एक ही हैं. एक की कमी को एक पूरा करता है, जैसे राष्ट्रपति अगर नहीं है, तो उपराष्ट्रपति स्वत: उनकी जिम्मेदारी उठा लेते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति के पद के नीचे कोई ऐसा पद नहीं है जो उनके कार्यों की जिम्मेदारी उठा ले. हां, चूंकि वे राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, इसलिए वहां उपसभापति सभापति का पद संभालते हैं.

उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव की अवधि निर्धारित नहीं

भारत का संविधान यह कहता है कि उपराष्ट्रपति का पद अगर खाली हो तो चुनाव कराया जाना चाहिए, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वह चुनाव कितनी अवधि के अंदर कराना अनिवार्य है. इस लिहाज से यह बता पाना संभव नहीं है कि भारत के अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव कब होगा. जगदीप धनखड़ का कार्यकाल 2027 में समाप्त हो रहा था, लेकिन अब जो उपराष्ट्रपति चुने जाएंगे वे अपना पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे ना कि 2027 में उनकी कार्यावधि समाप्त हो जाएगी.

कब हो सकता है चुनाव

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है. अब यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वो चुनाव की व्यवस्था करे. अयोध्यानाथ मिश्र कहते हैं कि संभव है कि संसद के मानसून सत्र में ही देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाए या यह भी संभव है कि उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए अलग दिन निर्धारित किया जाए. उपराष्ट्रपति के चुनाव में दोनों सदन के सदस्य ही वोट करेंगे, यह चुनाव बहुत पेचीदा नहीं होता है. उम्मीद है जल्दी ही भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल जाए.

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