National Herald Case: राहुल-सोनिया गांधी फिर संकट में, जानें क्या है आरोप

National Herald Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. सांसद सुब्रामण्यम स्वामी ने दोनों कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों के दुरुपयोग की कोर्ट में शिकायत की थी. इसके बाद पहली बार ईडी ने निजी शिकायत पर पूरे मामले की जांच की थी.

By Amit Yadav | April 16, 2025 12:30 PM

National Herald Case: जिस नेशनल हेराल्ड केस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी आज कटघरे में हैं, उसकी स्थापना पंडिज जवाहर लाल नेहरू और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने मिलकर 1938 में की थी. इसके लिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कंपनी (AJL) बनाई गई थी. ये कंपनी नेशनल हेराल्ड के अलावा हिंदी में नवजीवन, उर्दू में कौमी आवाज अखबार निकालती थी. अखबारों का मकसद था आजादी की लड़ाई को मजबूती देना था. भारत को आजादी मिली और अखबार चलता रहा. लेकिन किन्हीं कारणों से एजेएल पर 2008 तक 90 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया. लेकिन कंपनी की देनदारियों का निपटारा कांग्रेस कर रही थी. लेकिन अचानक नेशनल हेराल्ड सहित सभी अखबारों का प्रकाशन बंद हो गया.

यंग इंडियन लिमिटेड ने किया AJL का अधिग्रहण

इन सब के बीच एक घटनाक्रम हुआ. जिसमें वर्ष 2010 में यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) नाम की कंपनी ने 50 लाख रुपये में एजेएल का अधिग्रहण कर लिया. इस यंग इंडियन लिमिटेड में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. अन्य में सुमन दुबे, मोती लाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिज व सैम पित्रोदा थे. इस कंपनी का गठन कंपनी एक्ट के सेक्शन 25 के तहत किया गया था. जिसमें कंपनियां भारत सरकार के अधीन होती है और इनसे मुनाफा नहीं कमाया जा सकता है. इसके निदेशक वेतन या वित्तीय लाभ के हकदार नहीं होते हैं. इस अधिग्रहण में एजेएल के 99 प्रतिशत शेयर यंग इंडियन के नाम हो गए. जबकि संपत्तियां एजेल एल के पास ही रहीं.

सुब्रामण्यम स्वामी ने की शिकायत

सांसद सुब्रामण्यम स्वामी ने इस अधिग्रहण के बारे में 1 नवंबर 2012 में पटियाला हाउस कोर्ट में शिकायत की. जिसमें अधिग्रहण के बहाने एजेएल की संपत्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया. इसके बाद 2 नवंबर 2012 को कांग्रेस ने कहा कि नेशनल हेराल्ड अखबार को फिर से चलाने के लिए एजेएल को ऋण दिया. ट्रायल कोर्ट ने सुब्रामण्यम स्वामी की शिकायत का संज्ञान लिया. इसके बाद ईडी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी.

राहुल गांधी-सोनियां गांधी पर कार्रवाई

  • 26 जून 2014 को कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी को समन जारी किया.
  • 19 दिसंबर 2015 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पटियाला हाउस ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नियमित जमानत दी.
  • 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई रद्द करने से मना किया.
  • 2016 में ही भूमि विकास ऑफिस ने एजेएल को नोटिस जारी करके कहा कि संपत्ति का इस्तेमाल प्रेस के कार्यों के लिए नहीं हो रहा.
  • 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एजेएल को बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश दिया.
  • 1 जून 2022 को ईडी ने राहुल व सोनिया गांधी को नोटिस भेजा.
  • इसके बाद राहुल गांधी से 5 दिन में 50 घंटे और सोनिया गांधी से 3 दिन में 12 घंटे पूछताछ की गई.
  • 20 नवंबर 2023 को ईडी ने एजेएल की 752 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया.

अब क्या होगा?

ईडी ने इस मामले अब कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी है. ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेगा. जिससे सोनिया गांधी और राहुल गांधी औपचारिक रूप से आरोपी घोषित हो जाएंगे. साथ ही इस मामले का ट्रायल शुरू हो जाएगा. ट्रायल में दोनों पक्ष अपना-अपने साक्ष्य रखेंगे. चूंकि इस मामले में सोनिया व राहुल गांधी 2015 से नियमित जमानत पर है, इसलिए यदि नया वारंट नहीं जारी होता है तो दोनों नेताओं पर कोई संकट नहीं है.

क्या सदस्यता जाने का है खतरा!

ईडी ने कोर्ट में सोनिया गांधी को आरोपी नंबर 1 और राहुल गांधी को आरोपी नंबर 2 के रूप में दर्ज किया है. इसके अलावा सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, यंग इंडियन लिमिटेड, डोटेक्स मर्चेंडाइज को भी आरोपी बनाया गया है. ईडी ने पीएमएलए की धारा 44 और 45 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग, धारा 70 (कंपनियों द्वारा अपराध) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है. कोर्ट अब इस पर 25 अप्रैल को सुनवाई करेगा. ईडी ने पीएमएलए की धारा 44 के तहत आरोपियों को सजा देने की मांग की है. इस धारा में सात साल की सजा का प्रावधान है. यदि इस मामले में राहुल और सोनिया को सजा होती है तो उनकी लोकसभा और राज्यसभा की सदस्यता खतरे में होगी.

पढ़े प्रभात खबर प्रीमियम खबरें: कैटी पेरी सहित छह महिलाएं जब पहुंची अंतरिक्ष, जानें क्या हुई बातें

करुण नायर, जिसने कभी क्रिकेट से मांगा था एक और मौका

यूक्रेनी महिलाओं ने संभाला सैनिकों की रक्षा का मोर्चा, ऐसे की मदद

क्या हिंदू विरोधी थे मुगल, या फिर कुछ और थी सच्चाई

तहव्वुर राणा की कस्टडी एनआईए को, जानें कैसे काम करती है ये एजेंसी

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version