Shahzadi Case Dubai: यूपी के बांदा की रहने वाली शहजादी (33) को दुबई में एक चार महीने के बच्चे की हत्या के आरोप में मौत की सजा दी गई. उसकी मौत के बाद परिवार विभिन्न तरह के आरोप लगा रहा है. लेकिन शहजादी को सजा-ए-मौत कैसे दी गई, इसको लेकर कयासबाजी जारी हैं.
Shahzadi Case Dubai: यूपी के बांदा में रहने वाली शहजादी दुबई गई तो पैसा कमाने थी, लेकिन वहां उसके साथ कुछ ऐसा वाकया हो गया कि उसको वहां मौत की सजा दे दी गई. उस पर चार महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था. शहजादी इस बच्चे की देखरेख करती थी. आरोप है कि उसने बच्चे को बेरहमी से पीटा था. जिससे उसकी मौत हो गई थी. वहीं एक पक्ष ये भी है कि बच्चे का टीकाकरण किया गया था, इससे उसकी मौत हो गई. बच्चे का पोस्टमार्टम न होने के कारण मौत के कारणों का पता नहीं चला है. लेकिन यूएई की कोर्ट ने उपलब्ध सबूतों के आधार पर शहजादी को मौत की सजा सुनाई थी.
परिजन लगा रहे लापरवाही का आरोप
शहजादी को मौत की सजा के बाद परिवारीजनों की तरफ से कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. लेकिन इन सब के बीच एक चर्चा ये भी है कि शहजादी को यूएई में मृत्यु दंड कैसे दिया गया. क्योंकि यूएई में शरिया कानून और आधुनिक आपराधिक कानून के संयोजन से सजा दी जाती है. यदि मृत्युदंड दिया जाता है तो अपील और दया याचिका भी मौका दिया जाता है. यदि अपील और याचिका खारिज हो जाती है तो मृत्युदंड दिया जाता है.
इन मामलों में सजा-ए-मौत
यूएई में हत्या, आतंकवाद, बलात्कार, ड्रग तस्करी, देशद्रोह, ईश निंदा जैसे अपराधों में मृत्यु दंड देने का प्रावधान है. कोई भी मामला पहले निचली अदालत में जाता है और वहां सबूतों की जांच के बाद दोषी दंड सुनाया जाता है. इसके बाद आरोपी को अपील का मौका दिया जाता है जो किया कोर्ट ऑफ कैसेशन में होती है. जहां अपील पर सुनवाई होती और उसके बाद सजा तय की जाती है. शहजादी को कोर्ट ऑफ कैसेशन ने भी मृत्युदंड की सजा सुनाई थी. सजा मिलने के बाद यूएई के राष्ट्रपति या अमीरात के शासक के पास दया याचिका का भी मौका होता है. शहजादी के पक्ष में दया याचिका दाखिल करने की जानकारी सामने आई है. जिसे भारतीय दूतावास ने दाखिल किया था. लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया. इसके बाद शहजादी को सजा-ए-मौत देना सुनिश्चित हो गया था.
मृत्युदंड के दो तरीके
यूएई में मृत्युदंड देने के दो तरीके हैं. एक फायरिंग स्क्वायड, दूसरा फांसी. लेकिन वहां ज्यादातर मामलों में फायरिंग स्क्वायड का इस्तेमाल मृत्युदंड के लिए किया जाता है. इसमें दोषी को जेल के अंदर एक गुप्त स्थान पर ले जाया जाता है. जहां उसे एक निश्चित स्थान पर खड़ाकर दिया जाता है. इसके बाद फायरिंग स्क्वायड दोषी के सिर और सीने पर गोलियां मारकर उसे मौत के घाट उतार देते हैं. यूएई में मृत्युदंड देने में फांसी का इस्तेमाल कम ही किया जाता है. विशेष केस जैसे जासूसी या यौन अपराधों में फांसी का दंड दिया जाता है.
कब क्या हुआ
- शहजादी दिसंबर 2021 में वीजा मिलने के बाद अबूधाबी गई
- अगस्त 2022 में मालिक के घर बच्चा हुआ और देखभाल की जिम्मेदारी शहजादी को दी गई.
- 7 दिसंबर 2022 के बच्चे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई
- शहजादी पर पीटने का आरोप लगा
- अबूधाबी की अल वथबा जेल में कैद किया गया
- निचली कोर्ट व कोर्ट ऑफ कैसेशन ने हत्या का दोषी ठहराया
- मई 2024 में शहजादी के पिता शब्बीर खान ने दया याचिका दाखिल की
- 15 फरवरी को फांसी दी गई
- 28 फरवरी को भारतीय दूतावास ने सजा-ए-मौत की सूचना परिवार को दी
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