पढ़ें क्या है चौघड़िया, जानें धनतेरस के अवसर पर कब और क्या खरीदें
सदगुरुश्री स्वामी आनंद जी इस वर्ष धनत्रयोदशी का पर्व आकाश मंडल के बारहवें नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी के आगोश में मनाया जायेगा. उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी आदि ग्रह सूर्य हैं. लिहाजा इस वर्ष का धनतेरस का पर्व नाम, मान, यश, उग्रता, आवेश, देशभक्ति और स्वास्थ्य लेकर आ रहा है. 25 तारीख को सुबह 9 बज कर […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2019 7:52 AM
उदया तिथि 26 अक्तूबर को है पर धन त्रयोदशी का मान 25 अक्तूबर को ही होगा. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में लक्ष्मी-कुबेर का पूजन जहां आर्थिक स्थिति के लिए विलक्षण परिणाम प्रदायक होगा, वहीं ये पल आत्मिक उन्नति का भी साक्षी बनेगा. धनत्रयोदशी का आरंभ 25 अक्तूबर, 2019 की शाम 6 बज कर 38 मिनट पर होगा. त्रयोदशी 26 अक्तूबर की शाम 3 बज कर 16 मिनट तक रहेगी. राहु काल प्रातः 10.30 से लगभग 12 बजे तक रहेगा. धनतेरस पर वृषभ लग्न में कुबेर और लक्ष्मी का पूजन श्रेयस्कर होगा. भगवान धन्वंतरि को हिंदू धर्म में देव वैद्य का पद प्राप्त है.
लिहाजा, उत्तम स्वास्थ्य के लिए धन्वन्तरि पूजन अमृत चौघड़िया, लाभ चौघड़िया, धनु लग्न या कुंभ लग्न में करना चाहिए. सूर्यास्त के पश्चात अकाल मृत्यु से बचने के लिए घर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर चार बातियों का दीप दान यानी दीप का प्रज्वलन करना चाहिए. रात्रि में इस दिन आरोग्य के लिए भगवान धन्वन्तरि तथा समृद्धि के लिए कुबेर के साथ लक्ष्मी-गणेश का पूजन करके भगवती लक्ष्मी को नैवेद्य में धनिया, गुड़ व धान का लावा अवश्य अर्पित करना चाहिए. रात्रि में ध्यान में प्रविष्ट होकर भजन के द्वारा यानी बाह्य कर्ण बंद कर आत्मा के कानों से ब्रह्मांडीय ध्वनियों के श्रवण का अभ्यास आंतरिक व मानसिक बल प्रदान करेगा.