भगवान श्री गणेश हिंदुओं के लिए परम सम्माननीय और प्रथम पूज्य देवता हैं. अपने ही पिता भगवान शंकर से श्रीगणेश ने सर्वप्रथम पूजन का वरदान पाया है. वे साक्षात परब्रह्म परमात्मा हैं. भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न किए बिना प्राणी मात्र का कल्याण संभव नहीं है. किसी भी साधक के इष्टदेव कोई भी देवता हों लेकिन भगवान श्रीगणेश की पूजा करना आवश्यक है. सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा करने के बाद ही दूसरे देवी-देवताओं का पूजन करना चाहिए. भगवान श्रीगणेश की यह बड़ी बद्भुत विशेषता है कि उनके स्मरण मात्र से ही सब विघ्न बाधाएं दूर हो जाती है और सब कार्य निर्विघ्न दूर हो जाते हैं. लोक परलोक में सर्वत्र सफलता प्राप्त करने के लिए एकमात्र उपाय के रूप में हर कार्य को आरंभ करने से पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा करनी चाहिए.
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