शुक्रवार सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को सुहागिन महिलाएं हरियाली तीज के रूप में मनाती है. यूं तो देश के कई हिस्सों में भादो महीने की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज के रूप में मनाया जाता है, लेकिन राजस्थान और मध्यप्रदेश खासतौर पर मालवांचल की महिलाएं बहुत श्रद्धा और उत्साह से आज के दिन हरियाली तीज मनाती हैं. देशभर में इन प्रदेशों के श्रद्धालु आस्था, उमंग, सौंदर्य और प्रेम का यह उत्सव मनायेंगे. तीज शिव-पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. यदि तीज के दिन बारिश होती है, तब यह दिन और भी विशेष माना जाता है. तीज के बारे में कथा है कि सावन में कई सौ सालों बाद शिव से पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. पार्वती के 108वें जन्म में शिवजी उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया.
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