Amalaki Ekadashi 2025: आमलकी एकादशी, जिसे आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. वर्ष 2025 में, यह तिथि 9 मार्च को सायं 7:45 बजे से आरंभ होकर 10 मार्च को प्रातः 7:44 बजे समाप्त हो रही है. अतः, व्रत एवं पूजा 10 मार्च 2025 को संपन्न की जाएगी.
आमलकी एकादशी पर जाप करने के लिए मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
यह भगवान विष्णु का एक महत्वपूर्ण मंत्र है, जिसका जाप इस दिन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है.
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आमलकी एकादशी विष्णु सहस्रनाम
भगवान विष्णु के हजार नामों का पाठ, जो इस दिन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.
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आमलकी एकादशी पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ पीले वस्त्र पहनें.
घर के मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें.
देसी घी का दीपक जलाएं और भगवान का अभिषेक करें.
पीले फूल, तुलसी के पत्ते, गोपी चंदन और पंचामृत अर्पित करें.
भगवान को फल, पंचामृत और मखाने की खीर का भोग लगाएं.
उपरोक्त मंत्रों का जाप करें और आमलकी एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें.
आमलकी एकादशी का विशेष महत्व
इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का अत्यधिक महत्व है. आंवले के वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु की आराधना करने से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.
आमलकी एकादशी का व्रत एवं पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इस पावन तिथि पर भगवान विष्णु की आराधना करें और उनकी कृपा प्राप्त करें.