Apara Ekadashi 2025 पर हो रहा है दुर्लभ योग का निर्माण, जानिए इस दिन क्या है खास

Apara Ekadashi 2025: इस महीने 'अपरा एकादशी' का व्रत किया जाता है, जिसके प्रभाव से व्यक्ति को कार्यों में सफलता और अत्यधिक धन की प्राप्ति होती है. धार्मिक ग्रंथों में अपरा एकादशी का अर्थ अपार पुण्य से जोड़ा गया है और इसे जलक्रीड़ा और अचला एकादशी भी कहा जाता है.

By Shaurya Punj | May 15, 2025 2:25 PM
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Apara Ekadashi 2025: सनातन धर्म में अपरा एकादशी का अत्यधिक महत्व है. यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है. मान्यता है कि इस दिन पूजा और व्रत करने से साधक के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं. वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी का आयोजन किया जाता है.

कब रखा जाएगा अपरा एकादशी का व्रत

वैदिक पंचांग के अनुसार, अपरा एकादशी की तिथि 22 मई को रात 1 बजकर 13 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 23 मई को रात 11 बजकर 30 मिनट पर होगा. इस प्रकार, उदया तिथि के नियमों के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत 23 मई 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा.

अपरा एकादशी पर बन रहा है शुभ योग

इस वर्ष अपरा एकादशी पर आयुष्मान और प्रीति योग का निर्माण हो रहा है, जो किसी भी शुभ कार्य की सफलता के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इसके साथ ही उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के साथ यह व्रत और भी फलदायक हो गया है. इस दिन बुध ग्रह वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे व्यापार, शिक्षा और आर्थिक मामलों में सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना है.

अपरा एकादशी पूजा विधि

अपरा एकादशी के दिन भक्तों को प्रातः जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और सूर्य देव को जल अर्पित कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. पूजा स्थल को स्वच्छ करें और लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का गंगाजल, दूध और जल से अभिषेक करें. उन्हें फूल, तुलसी पत्र और मिठाई का भोग अर्पित करें. इसके बाद एकादशी व्रत कथा का पाठ करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें. अंत में आरती करके प्रसाद का वितरण करें.

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