Apara Ekadashi Vrat 2025 आज, क्या करें और क्या नहीं, जानें संपूर्ण जानकारी

Apara Ekadashi Vrat 2025: भगवान श्रीकृष्ण ने अपरा एकादशी व्रत की महिमा का उल्लेख करते हुए इसे अत्यंत फलदायी बताया है। इस बार अपरा एकादशी 23 मई 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। यदि आप भी इस व्रत को रखने का विचार कर रहे हैं, तो इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें अवश्य जान लें, जैसे कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

By Shaurya Punj | May 23, 2025 8:29 AM
an image

Apara Ekadashi Vrat 2025: हर इंसान अपने जीवन में शांति, सुख और पापों से मुक्ति चाहता है. हिन्दू धर्म में कुछ व्रत ऐसे हैं जो इन तीनों की प्राप्ति का माध्यम बनते हैं. ऐसा ही एक पावन व्रत है अपरा एकादशी. कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा से यह व्रत करता है, उसे अनगिनत पुण्य फल प्राप्त होते हैं और पुराने पापों से भी मुक्ति मिलती है. यही कारण है कि इसे ‘अपरा’ यानी ‘असीम’ फल देने वाली एकादशी कहा गया है.

भगवान श्रीकृष्ण ने भी इस व्रत की महिमा का उल्लेख करते हुए इसे बेहद फलदायी बताया है. इस बार अपरा एकादशी 23 मई 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी. अगर आप भी इस व्रत को रखने की सोच रहे हैं, तो इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें जरूर जान लें जैसे कि क्या करें और क्या न करें.

अपरा एकादशी 2025 व्रत करने के फायदे

  • पापों से मुक्ति और आत्मशुद्धि
  • मोक्ष की प्राप्ति और पूर्वजों का आशीर्वाद
  • घर में सुख-शांति और समृद्धि
  • भगवान विष्णु की कृपा और भाग्य में वृद्धि

अपरा एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए

  • मांसाहारी भोजन का सेवन न करें: यह व्रत पूरी तरह सात्विक होना चाहिए.
  • चावल खाना वर्जित है: एकादशी पर चावल का सेवन निषेध माना गया है.
  • नाखून और बाल नहीं काटें: यह अशुभ माना जाता है.
  • तुलसी के पत्ते न तोड़ें: मान्यता है कि मां तुलसी भी इस दिन व्रत रखती हैं.
  • किसी को अपशब्द या ताना न दें: वाणी पर संयम रखना बेहद जरूरी है.
  • घर आए व्यक्ति को खाली हाथ न लौटाएं- जो भी आए, उसका आदर करें.

अपरा एकादशी के दिन क्या जरूर करें?

  • पीले रंग के कपड़े पहनें— यह शुभ रंग भगवान विष्णु को प्रिय है.
  • उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक जलाएं— इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
  • सूर्य देव की पूजा करें— माना जाता है कि इस दिन सूर्य की ऊर्जा अत्यधिक होती है.
  • भगवान विष्णु का नाम जपें या मंत्र पढ़ें— ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’.
  • दान-पुण्य करें— अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ता है.

अपरा एकादशी 2025 तिथि और समय
तिथि: 23 मई 2025, शुक्रवार
पारणा का समय: अगले दिन सुबह

अपरा एकादशी केवल उपवास का नाम नहीं है, बल्कि आत्मशुद्धि, सेवा और संयम का पर्व है. अगर इसे विधिपूर्वक किया जाए, तो यह व्रत जीवन में कई प्रकार की खुशियां और मानसिक शांति लेकर आता है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version