Ashadha Amavasya 2025 पर पितरों को ऐसे करें याद

Ashadha Amavasya 2025 : आषाढ़ अमावस्या का दिन पितरों की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन से पितृ दोष समाप्त करने का श्रेष्ठ अवसर है.

By Ashi Goyal | June 15, 2025 8:19 PM
an image

Ashadha Amavasya 2025 : आषाढ़ अमावस्या हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि को कहते हैं. यह दिन पितरों को स्मरण करने, तर्पण और श्राद्ध करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पितृलोक का द्वार खुलता है और पितर धरती पर आकर अपने वंशजों से तर्पण, जलदान और स्मरण की आशा करते हैं. वर्ष 2025 में आषाढ़ अमावस्या 25 जून को पड़ रही है. इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व है और इसे पितृ तृप्ति व मोक्ष के लिए उत्तम माना गया है.-

– तर्पण और पिंडदान का महत्व

आषाढ़ अमावस्या पर प्रातःकाल स्नान के बाद अपने पूर्वजों के नाम से तर्पण और पिंडदान करना अति आवश्यक माना जाता है. तर्पण का अर्थ है ‘तृप्त करना’, अर्थात जल, तिल और कुश से पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करना. धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि तर्पण से पितृगण प्रसन्न होते हैं और वंशजों को आशीर्वाद देते हैं.

– पवित्र नदियों में स्नान का पुण्य

इस दिन गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का क्षय होता है और पितरों को तृप्ति मिलती है. जो व्यक्ति नदी स्नान न कर सके, वह घर पर ही पवित्र जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकता है. स्नान के बाद तर्पण एवं पूजा विधिवत करें.

– श्राद्ध कर्म और ब्राह्मण भोज

आषाढ़ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व है. यदि किसी कारणवश व्यक्ति पितृपक्ष में श्राद्ध न कर सके तो इस दिन करना भी शुभ होता है. ब्राह्मणों को भोजन करवाना, वस्त्र दान करना और दक्षिणा देना, पितृ तृप्ति के श्रेष्ठ उपायों में से एक माना गया है.

– पितृ शांति हेतु व्रत और दान

इस दिन व्रत रखने की परंपरा भी है. उपवास रखकर पितरों का ध्यान करना और उनकी आत्मा की शांति के लिए दीपदान, अन्नदान, गौदान या वस्त्रदान किया जाता है. मान्यता है कि इस प्रकार के पुण्यकर्म पितरों को मोक्ष की ओर ले जाते हैं और वंशजों को सौभाग्य प्राप्त होता है.

– ध्यान, जप और हवन

आषाढ़ अमावस्या के दिन ‘ओम नमः शिवाय’ या ‘ओम पितृभ्यः नमः’ का जाप करने से विशेष लाभ होता है. पितृ दोष से मुक्ति के लिए हवन करना, विशेषकर पितृ सूक्त का पाठ, घर की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है और शांति प्रदान करता है.

यह भी पढ़ें : Ashadha Maah 2025 : आषाढ़ के महीने में गलती से भी न करें इन चीजों का दान

यह भी पढ़ें : Ashadh Maah 2025: आषाढ़ माह में करें इन चीजों का दान, मिलेगा पुण्य और लाभ

यह भी पढ़ें : Ashadha Maah 2025 देने वाला है दस्तक, इन बातों का रखें ध्यान दे

आषाढ़ अमावस्या का दिन पितरों की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन से पितृ दोष समाप्त करने का श्रेष्ठ अवसर है. श्रद्धा और नियम से किए गए कर्म पितरों को तृप्त करते हैं और वंशजों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार करते हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version