Ashadha Amavasya 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है. इस वर्ष आषाढ़ अमावस्या 25 जून 2025, बुधवार को पड़ रही है. यह दिन सिर्फ एक तिथि नहीं, बल्कि पितरों की आत्मा की शांति, ग्रह दोषों से मुक्ति और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने का अद्भुत अवसर है.
क्यों महत्वपूर्ण है आषाढ़ अमावस्या?
- इस दिन लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान, तर्पण, दान-पुण्य और श्राद्ध कर्म करते हैं.
- शास्त्रों के अनुसार, इस दिन विशेष पौधारोपण करने से ग्रहदोष शांत होते हैं और पितृ कृपा प्राप्त होती है.
- खासकर नीम और पीपल जैसे पवित्र पौधे लगाने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है.
आषाढ़ अमावस्या 2025 पर क्यों लगाएं ये विशेष पौधे?
नीम का पौधा: राहु-शनि को शांत करने वाला औषधीय वृक्ष
- नीम को ज्योतिष और वास्तु दोनों में ऊर्जावान और शुभ माना गया है.
- जिन लोगों की कुंडली में राहु या शनि का प्रभाव प्रबल हो, उनके लिए यह पौधा विशेष लाभकारी है.
- नीम का पौधा घर के दक्षिण या उत्तर-पश्चिम कोने में लगाएं.
- गंगाजल में नीम की कुछ पत्तियां मिलाकर स्नान करने से केतु ग्रह का प्रभाव भी शांत होता है.
पीपल का पौधा: पितृ दोष से मुक्ति दिलाने वाला देव वृक्ष
- पीपल को देव वृक्ष कहा जाता है और यह पितृ दोष निवारण में अत्यंत प्रभावशाली है.
- अगर जीवन में मानसिक अशांति, संतान बाधा या आर्थिक अस्थिरता हो, तो यह पौधा अवश्य लगाएं.
- आषाढ़ अमावस्या के दिन मंदिर या पवित्र स्थान पर पीपल लगाना विशेष फलदायी माना जाता है.
- पीपल के नीचे ध्यान करने से आत्मिक शांति और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
तर्पण और सात पीढ़ियों तक लाभ
शास्त्रों में कहा गया है कि आषाढ़ अमावस्या पर तर्पण, दान और पौधारोपण से पितृ प्रसन्न होते हैं. उनके आशीर्वाद से घर में सात पीढ़ियों तक सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है.
25 जून 2025: नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करें
इस आषाढ़ अमावस्या पर केवल पूजा-पाठ ही नहीं, नीम और पीपल जैसे ऊर्जावान पौधों को रोपित कर आप अपने जीवन में स्थायी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं. छोटी-छोटी आस्थापूर्ण कोशिशें भी बड़े चमत्कार कर सकती हैं.
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