Gupt Navaratri 2024: आषाढ़ शुक्ल पक्ष की गुप्त नवरात्रि देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विशेष अवसर है. यह नवरात्रि साल में दो बार आती है, एक चैत्र मास में और दूसरी आषाढ़ मास में. इस साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष गुप्त नवरात्रि 23 जून से शुरू होकर 1 जुलाई तक चलेगी.
नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा के साथ ही उन्हें विभिन्न प्रकार के भोग लगाने की भी परंपरा है. माना जाता है कि देवी को भोग लगाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.आइए जानते हैं आषाढ़ शुक्ल पक्ष गुप्त नवरात्रि में देवी को लगाए जाने वाले नौ विशेष भोगों के बारे में:
कलश: नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है. इस दिन कलश को भोग लगाया जाता है. कलश में जल, दूध, गंगाजल, सुपारी, लौंग, इलायची, सिक्का, पान, लाल फूल आदि रखे जाते हैं.
फल: नवरात्रि के दूसरे दिन देवी को विभिन्न प्रकार के फल भोग लगाए जाते हैं. केला, सेब, संतरा, अंगूर, मौसमी फल आदि देवी को प्रिय हैं.
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मिठाई: नवरात्रि के तीसरे दिन देवी को विभिन्न प्रकार की मिठाइयां भोग लगाई जाती हैं. खीर, हलवा, लड्डू, बर्फी, पेड़ा आदि देवी को प्रिय हैं.
पान: नवरात्रि के चौथे दिन देवी को पान का भोग लगाया जाता है. पान में सुपारी, लौंग, इलायची, कत्था आदि रखे जाते हैं.
दही: नवरात्रि के पांचवें दिन देवी को दही का भोग लगाया जाता है. दही को चीनी और शहद के साथ मिलाकर भी लगाया जा सकता है.
घी: नवरात्रि के छठे दिन देवी को घी का भोग लगाया जाता है. घी को रोटी या चावल के साथ भी लगाया जा सकता है.
शहद: नवरात्रि के सातवें दिन देवी को शहद का भोग लगाया जाता है. शहद को दूध या पानी में मिलाकर भी लगाया जा सकता है.
नारियल: नवरात्रि के आठवें दिन देवी को नारियल का भोग लगाया जाता है. नारियल को फोड़कर उसका पानी और गूदा देवी को अर्पित किया जाता है.
तुलसी: नवरात्रि के नौवें दिन देवी को तुलसी का भोग लगाया जाता है. तुलसी के साथ ही अन्य ताजे हरे पत्ते भी देवी को अर्पित किए जाते हैं.
भोग लगाते समय ध्यान रखने योग्य बातें
भोग हमेशा सात्विक होना चाहिए.
भोग ताजा और स्वादिष्ट होना चाहिए.
भोग को देवी को अर्पित करने से पहले उसे धूप और दीप दिखाना चाहिए.
भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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