Ashadha Gupt Navratri 2025 के दिन मंत्र जप से पहले अपनाएं ये 3 पहलू शुद्धता, मुहूर्त और मन

Ashadha Gupt Navratri 2025 : आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान मंत्र जप की साधना करते समय यदि ये तीन पहलू शुद्धता, मुहूर्त और मन की एकाग्रता को अपनाया जाए.

By Ashi Goyal | July 1, 2025 6:02 PM
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Ashadha Gupt Navratri 2025 : आषाढ़ मास में आने वाली गुप्त नवरात्रि तंत्र-साधना, मंत्र-सिद्धि और देवी उपासना के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दौरान देवी दुर्गा के दस महाविद्याओं की विशेष आराधना की जाती है, जो साधक को भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार की सिद्धियों का मार्ग देती है. मंत्र जप इस नवरात्रि का मूल है, लेकिन मंत्र तभी फलदायी होते हैं जब जप से पहले कुछ आवश्यक धार्मिक नियमों और आचारों को अपनाया जाए, आइए जानें वे बातें जो गुप्त नवरात्रि के दौरान मंत्र जप से पहले अवश्य ध्यान रखनी चाहिए:-

– शरीर और वातावरण की शुद्धता रखें

मंत्र जप से पहले तन, मन और स्थान की शुद्धता अत्यंत आवश्यक है. प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल को गंगाजल या गौमूत्र से शुद्ध करें. अशुद्ध शरीर या अस्त-व्यस्त स्थान पर मंत्र जप करने से साधना निष्फल हो सकती है.

– सत्य और संयम का पालन करें

गुप्त नवरात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन, सात्विक आहार और मौन व्रत जैसी साधनाएं अत्यधिक फलदायक होती हैं. जप के पहले और दौरान किसी भी प्रकार का झूठ, कटु वचन या तामसिक व्यवहार नहीं होना चाहिए. संयमित जीवन मंत्रों की शक्ति को जाग्रत करता है.

– मुहूर्त का ध्यान रखें

मंत्र जप करने का सही मुहूर्त और समय साधना को सिद्धि में बदल सकता है. ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) मंत्र जप के लिए सबसे शुभ होता है. इसके अलावा, गुप्त नवरात्रि के दौरान विशेष तिथि और योग जैसे अमृत काल या सिद्ध योग में जप करना अत्यंत फलदायक होता है.

– शुद्ध उच्चारण और एकाग्रता से करें जप

मंत्रों का उच्चारण शास्त्रसम्मत और स्पष्ट होना चाहिए. उच्चारण में त्रुटि या लापरवाही से विपरीत फल की संभावना हो सकती है. जप करते समय मन को भटकने न दें, एकाग्रता के साथ मां भगवती के रूप का ध्यान करें.

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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान मंत्र जप की साधना करते समय यदि ये तीन पहलू शुद्धता, मुहूर्त और मन की एकाग्रता को अपनाया जाए, तो देवी कृपा से जीवन में अद्भुत चमत्कार और आध्यात्मिक जागरण संभव है.

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