– दुर्गा द्वादश नाम जाप
“ओम दुर्गे दुर्गति नाशिनि दुर्गा प्रणम्यहम्”
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के द्वादश (12) नामों का जाप करने से भय, रोग, शोक और शत्रु बाधा का नाश होता है. यह जाप प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व अथवा रात्रि में शुद्ध स्थान पर किया जाना चाहिए.
– काली बीज मंत्र जाप
“ओम क्रीं कालिकायै नमः”
मां काली तांत्रिक साधनाओं की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं. इस मंत्र का जाप गुप्त नवरात्रि में विशेष रूप से रात्रि के समय करें. यह जाप सभी प्रकार की नेगेटिव एनर्जी , टोटके, और काले जादू से रक्षा करता है.
– श्री बगलामुखी मंत्र जाप
“ओम ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ओम स्वाहा”
मां बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं. इनकी उपासना गुप्त नवरात्रि में अत्यंत फलदायी होती है. यह जाप शत्रु नाश, वाक् सिद्धि, और वाद-विवाद में विजय के लिए किया जाता है.
– दुर्गा सप्तशती का पाठ
गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में दुर्गा सप्तशती (700 श्लोक) का संकल्प लेकर पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है. यह पाठ साधक के जीवन में तेज, बल और ओज का संचार करता है.
– नवार्ण मंत्र जाप
“ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”
यह मंत्र गुप्त नवरात्रि की सर्वाधिक प्रभावशाली साधना माना गया है. इस जाप को 108 या 1008 बार प्रतिदिन करने से साधक को मां चामुंडा की कृपा प्राप्त होती है, और उसके सभी भय एवं विघ्न समाप्त हो जाते हैं.
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि वह शुभ काल है जब गुप्त साधनाएं, मंत्र जाप और देवी उपासना अत्यधिक प्रभावशील होती हैं. जो साधक श्रद्धा और नियमपूर्वक इन जपों को करते हैं, उनके जीवन से समस्त दुखों का निवारण होता है और वे दिव्य मार्ग की ओर अग्रसर होते हैं.