– धार्मिक अनुष्ठान और व्रतों का पालन करें
आषाढ़ में विशेष रूप से भगवान शिव, विष्णु और देवी दुर्गा की पूजा की जाती है. सावन के सोमवार शिव जी का विशेष व्रत रखने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. इसके अलावा, आषाढ़ कृष्ण पक्ष में जन्माष्टमी व्रत भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. इस माह में धार्मिक अनुष्ठान और व्रत रखने से पापों का नाश होता है और आत्मिक शांति प्राप्त होती है.
– प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के उपाय करें
मानसून के दौरान कई बार बाढ़, कीचड़ और अन्य प्राकृतिक आपदाएं होती हैं. इस महीने में घर और आस-पास की सफाई का विशेष ध्यान रखें. जल जमाव न होने दें और जल स्रोतों को साफ रखें. धार्मिक दृष्टि से भी साफ-सफाई और स्वच्छता का बड़ा महत्व है.
– सात्विक आहार का सेवन करें
आषाढ़ माह में मानसून के कारण शरीर कमजोर हो सकता है, इसलिए सात्विक और पौष्टिक भोजन लें. ताजा फल, सब्जियां और दही का सेवन अधिक करें. मांसाहार और तैलीय खाद्य पदार्थों से बचें. यह शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने का उत्तम तरीका है.
– ध्यान और साधना का अभ्यास करें
इस माह में ध्यान, योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करें. आषाढ़ का समय मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए सर्वोत्तम होता है. मन को शांत रखकर सत्संग और भजन-कीर्तन में भाग लेने से आत्मा को शांति मिलती है.
– दान-पुण्य और परोपकार करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ माह में किया गया दान अत्यंत फलदायी होता है. जरूरतमंदों को वस्त्र, अनाज, और जल दान करें. इस महीने में वृद्धों और गरीबों की सेवा करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है. दान से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
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आषाढ़ माह प्रकृति और आध्यात्म का संगम है. इस महीने में सही दिशा में प्रयास और धार्मिक कर्म करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. आषाढ़ की ये पांच बातें ध्यान में रखकर हम अपने जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं.