Astro Tips: भारत में हाल के वर्षों में लोग अपने घरों, वाहनों और कार्यालयों में तिब्बती प्रार्थना ध्वज यानी तिब्बत का झंडा लगाने लगे हैं. यह रंगीन झंडा देखने में तो बेहद आकर्षक होता है, लेकिन ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार इसका गहरा आध्यात्मिक और ऊर्जा से भरपूर महत्व भी है.
तिब्बती झंडे का महत्व
तिब्बती झंडा पांच रंगों — नीला, सफेद, लाल, हरा और पीला — का संयोजन होता है, जो पंचतत्त्वों (आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी) का प्रतीक हैं. इन झंडों पर पवित्र मंत्र, देवी-देवताओं की छवियां और शुभ प्रतीक जैसे “ॐ मणि पद्मे हूं” लिखे होते हैं.
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ज्योतिषीय लाभ
नकारात्मक ऊर्जा का नाश
तिब्बती झंडे हवा में लहराते हुए उन पर लिखे मंत्रों को चारों दिशाओं में फैलाते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है.
ग्रह दोषों से सुरक्षा
यदि कुंडली में राहु, केतु, शनि या मंगल के कारण बाधाएं हों, तो यह झंडा विशेष रूप से राहु-केतु की कालसर्प योग जैसी स्थितियों में दोषों को शांत कर ऊर्जा संतुलन प्रदान करता है.
यात्रा सुरक्षा
गाड़ियों में लगाने से यह एक ऊर्जात्मक कवच बनाता है, जो दुर्घटनाओं से बचाव करता है और यात्रा को सुरक्षित बनाता है.
शांति और सकारात्मकता
घर में लगाने से वातावरण आध्यात्मिक, शांतिपूर्ण और ग्रहों की अशुभ दृष्टि से मुक्त होता है.
कहां और कैसे लगाएं
तिब्बती झंडा उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना शुभ होता है. वाहन में इसे डैशबोर्ड के पास या पीछे की खिड़की पर लगाया जा सकता है.
वास्तु शास्त्र में तिब्बती ध्वज की भूमिका
ज्योतिष और वास्तु के अनुसार, तिब्बती प्रार्थना ध्वज नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है. यह न केवल सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि आध्यात्मिक सुरक्षा का भी महत्वपूर्ण माध्यम है.