Astro Tips For Married Women: शादीशुदा महिलाओं को ध्यान में रखनी चाहिए ये बातें, वैवाहिक रिश्ते के लिए है शुभ

Vastu Tips For Married Women : शादीशुदा महिलाओं के लिए वास्तु शास्त्र केवल दिशा और नियमों की बात नहीं करता, यह जीवन में आध्यात्मिक अनुशासन और प्रेम की स्थापना का मार्ग भी है.

By Ashi Goyal | June 7, 2025 10:40 PM
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Astro Tips For Married Women : विवाह केवल सामाजिक ही नहीं, अपितु आध्यात्मिक बंधन भी है. एक महिला के जीवन में विवाह के बाद घर और परिवार की सुख-शांति बनाए रखना उसका धार्मिक कर्तव्य माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष नियम और उपाय हैं, जिन्हें अगर शादीशुदा महिलाएं अपने जीवन में अपनाएं, तो उनका वैवाहिक जीवन सुखमय, शांतिपूर्ण और प्रेमपूर्ण बना रहता है. यह केवल भौतिक सुख नहीं, बल्कि आत्मिक संतुलन भी प्रदान करता है:-

– घर के उत्तर-पूर्व को रखें स्वच्छ और पवित्र

ईशान कोण को देवताओं का स्थान माना जाता है. इस स्थान पर गंदगी या भारी सामान रखना वास्तु दोष उत्पन्न करता है, जिससे घर में तनाव और कलह का वातावरण बनता है. विवाहित महिलाओं को चाहिए कि इस स्थान को स्वच्छ रखें और प्रतिदिन यहां दीपक व अगरबत्ती जलाकर भगवान का ध्यान करें. इससे पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण बढ़ता है.

– सिंदूर और मंगलसूत्र का धारण करना

वास्तु और धर्म दोनों ही इस बात को मानते हैं कि विवाहिता स्त्री को प्रतिदिन सिंदूर और मंगलसूत्र धारण करना चाहिए. यह न केवल पति की दीर्घायु का प्रतीक है, बल्कि इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इससे गृहस्थ जीवन में स्थिरता और शुभता बनी रहती है.

– दक्षिण-पश्चिम दिशा में पति-पत्नी का शयनकक्ष होना चाहिए

वास्तु शास्त्र के अनुसार विवाहित दंपत्ति का शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. यह दिशा स्थायित्व और विश्वास की सूचक है. इससे वैवाहिक संबंधों में गहराई, भरोसा और भावनात्मक एकता बनी रहती है. यदि यह संभव न हो तो शयनकक्ष में प्रेम और सुख का चित्र लगाएं.

– रोज तुलसी का पूजन करें और दीपक जलाएं

तुलसी माता को सुख-समृद्धि और वैवाहिक सौभाग्य का प्रतीक माना गया है. विवाहित स्त्रियों को प्रतिदिन प्रातःकाल तुलसी के समक्ष दीपक जलाकर “ॐ तुलस्यै नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे गृहस्थ जीवन में सौहार्द और शुभता बनी रहती है.

– रसोईघर में पहली रोटी गौ माता के लिए बनाएं

गौ सेवा और दान धर्म भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है. रसोई में पहली रोटी गौ माता के लिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए बनाने से गृह कलह शांत होता है. यह कार्य विवाहित स्त्री द्वारा किया जाए तो उसका प्रभाव संपूर्ण परिवार पर शुभ पड़ता है.

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शादीशुदा महिलाओं के लिए वास्तु शास्त्र केवल दिशा और नियमों की बात नहीं करता, यह जीवन में आध्यात्मिक अनुशासन और प्रेम की स्थापना का मार्ग भी है. यदि इन नियमों का श्रद्धा और विश्वास के साथ पालन किया जाए, तो वैवाहिक जीवन में न केवल सुख-शांति आती है, बल्कि ईश्वर की कृपा भी सदैव बनी रहती है.

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