Astro Tips : इन मंत्रों का जाप करने से होंगे अधूरे काम पूरे, मिलेगा लाभ

Astro Tips : इन पवित्र मंत्रों का श्रद्धा एवं नियमपूर्वक जाप करने से जीवन की अनेक समस्याएं दूर होती हैं. आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ सांसारिक कार्यों में सफलता मिलती है.

By Ashi Goyal | June 7, 2025 2:37 PM
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Astro Tips : पवित्र मंत्रों का श्रद्धा एवं नियमपूर्वक जाप करने से जीवन की अनेक समस्याएं दूर होती हैं. आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ सांसारिक कार्यों में सफलता मिलती है. हर मंत्र एक विशेष ऊर्जा प्रदान करता है, जो व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में अग्रसर करता है:-

– श्री गणेश मंत्र: “ओम गं गणपतये नमः”

भावार्थ: इस मंत्र का जाप विघ्नहर्ता श्री गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है.
महत्व: कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश का स्मरण करने से समस्त विघ्न समाप्त हो जाते हैं.
जप विधि: प्रातःकाल स्नान करके, पूर्व दिशा की ओर मुख करके 108 बार इस मंत्र का जाप करें.
लाभ: अधूरे काम पूरे होते हैं, मन को शांति मिलती है और नई ऊर्जा का संचार होता है.

– श्री विष्णु मंत्र: “ओम नमो भगवते वासुदेवाय”

भावार्थ: यह मंत्र भगवान विष्णु को समर्पित है, जो सृष्टि के पालनहार हैं.
महत्व: यह मंत्र जीवन में स्थिरता, समृद्धि और सभी प्रकार की रक्षा प्रदान करता है.
जप विधि: विशेष रूप से गुरुवार को पीले वस्त्र धारण कर के तुलसी के पास बैठकर मंत्र जाप करें।
लाभ: रुकावटें दूर होती हैं, आर्थिक लाभ प्राप्त होता है और पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है.

– श्री हनुमान मंत्र: “ओम हं हनुमते नमः”

भावार्थ: यह मंत्र बल, बुद्धि और विजय के प्रतीक श्री हनुमान जी को समर्पित है..
महत्व: हनुमान जी की कृपा से साहस, आत्मविश्वास और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है.
जप विधि: मंगलवार या शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर दीपक जलाकर 108 बार जाप करें.
लाभ: शत्रुओं पर विजय, कार्यसिद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है.

– श्री लक्ष्मी मंत्र: “ओम श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”

भावार्थ: यह मंत्र धन की देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु है.
महत्व: घर में धन की वृद्धि, व्यापार में लाभ और दरिद्रता नाश के लिए अत्यंत प्रभावी है.
जप विधि: शुक्रवार को कमल के फूल या सफेद वस्त्र के समीप बैठकर जाप करें.
लाभ: धन लाभ, आर्थिक स्थिरता और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

– श्री दुर्गा मंत्र: “ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”

भावार्थ: यह महामंत्र माता दुर्गा की शक्तियों का आवाहन करता है.
महत्व: यह मंत्र जीवन के संघर्षों में विजय पाने की शक्ति देता है और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है.
जप विधि: नवरात्रि में प्रतिदिन 108 बार जाप करें, विशेष रूप से दीपक जलाकर.
लाभ: नकारात्मक ऊर्जा का नाश, साहस में वृद्धि और सभी अधूरे कार्य पूर्ण होते हैं.

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