Bada Mangal 2025: दूसरा बड़ा मंगल होगा दया और धर्म का संगम, जानिए कैसे करें हनुमान जी को प्रसन्न

Bada Mangal 2025: दूसरे बड़े मंगल का दिन न केवल पूजा-पाठ का समय है, बल्कि यह अवसर है अपने भीतर की दया, सेवा और श्रद्धा को व्यक्त करने का. इस दिन हनुमान जी की पूजा के साथ-साथ दान-पुण्य, भंडारा, और जरूरतमंदों की सेवा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. सिंदूर, चमेली का तेल, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ इस दिन विशेष महत्व रखता है. यह पर्व जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और भक्तों को शारीरिक और मानसिक बल प्रदान करता है.

By Samiksha Singh | May 20, 2025 3:55 AM
an image

Bada Mangal 2025: बड़ा मंगल, आस्था और सेवा का ऐसा पर्व है जो हर साल ज्येष्ठ महीने के मंगलवारों को मनाया जाता है. इस दिन भक्त हनुमान जी की पूजा, व्रत और सेवा कार्यों के माध्यम से उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं. साल 2025 में 20 मई को दूसरा बड़ा मंगल है, जिसे बेहद शुभ और फलदायक माना गया है.

प्रातः स्नान और व्रत का संकल्प लें

दूसरे बड़े मंगल की शुरुआत करें सुबह जल्दी उठकर. शुद्ध मन और तन से स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और हनुमान जी के सामने दीप जलाकर व्रत का संकल्प लें. व्रत रखने से न केवल आत्मिक शुद्धि होती है बल्कि मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं.

करें पाठ – हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड

इस दिन हनुमान जी के प्रिय पाठ जैसे हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करना बेहद शुभ माना गया है. इससे जीवन की नकारात्मकता दूर होती है और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

अर्पित करें लाल फूल, सिंदूर और चमेली का तेल

हनुमान जी को लाल रंग प्रिय है. उनकी प्रतिमा पर सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं. यह न केवल शनि दोष को शांत करता है बल्कि भय और बाधाओं से भी रक्षा करता है.

करें सेवा – भंडारे, प्याऊ और प्रसाद वितरण

इस दिन भंडारा लगवाना, प्याऊ की व्यवस्था करना और गरीबों को भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है. यह सेवा भाव हनुमान जी को प्रसन्न करता है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि लाता है.

बंदरों को कराएं भोजन

हनुमान जी वानर स्वरूप हैं, इसलिए इस दिन बंदरों को चना, गुड़-चना या केला खिलाना शुभ फलदायक होता है. यह कार्य आपके भीतर करुणा और दया भाव को जाग्रत करता है.

जपें विशेष मंत्र

“ॐ हं हनुमते नमः” और “ॐ रामदूताय नमः” जैसे मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति और आंतरिक बल की प्राप्ति होती है. नियमित जप से आत्मबल बढ़ता है और जीवन में स्थिरता आती है.

यह भी पढ़े: Vastu Tips: दक्षिणमुखी घर को क्यों माना जाता है अशुभ, जानें वास्तु शास्त्र की मान्यताएं और समाधान

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version