Basant Panchami: रवियोग के संयोग में आज होगी मां सरस्वती की पूजा, जानें ज्योतिषाचार्य से शुभ मुहूर्त-नियम और पूजन विधि

Basant Panchami: आज बसंत पंचमी है. आज बसंत पंचमी पर विद्यार्थी, कला, लेखन से जुड़े लोग विशेष रूप से इस दिन मां सरस्वती का आशीर्वाद लेंगे. आइए जानते है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कुछ नियम

By Radheshyam Kushwaha | February 3, 2025 4:53 AM
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Basant Panchami 2025: माघ शुक्ल पंचमी में सोमवार को घर व पूजा-पंडालों में ज्ञान, विद्या व बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा कई शुभ संयोग होगी. श्रद्धालु मां शारदे के साथ भगवान गणेश, लक्ष्मी, नवग्रह, पुस्तक-लेखनी और वाद्य यंत्र की भी पूजा करेंगे. पूजा के बाद श्रद्धालु एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगायेंगे. इसे लेकर पूजा पंडाल सज-धज कर तैयार हो चुके हैं. वहीं पूजन सामग्री की खरीदारी को लेकर देर शाम तक बाजार में खरीदारों की भी भीड़ रही.

रवियोग के सुयोग में होगी सरस्वती पूजा

पंडित राकेश झा ने बताया कि आज माता सरस्वती के आराधना दिवस पर रेवती नक्षत्र, सिद्ध योग के साथ रवियोग का शुभ संयोग बन रहा है. वसंतपंचमी पर शिशुओं का पारंपरिक विधि से अक्षरारंभ संस्कार होगा. आज से उनका विद्या अध्ययन शुरू होगा. ब्रह्मवैवर्त पुराण के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन मंत्र दीक्षा, नवजात शिशुओं का अक्षरारंभ, नये रिश्ते का आरंभ, विद्यारंभ व नयी कला की शुरुआत करना शुभ फलदायी होता है. इस दिन हिन्दुओं के सभी शुभ एवं मांगलिक कार्य करना अत्यंत शुभ एवं फलदायी होता है. आज के दिन विवाह, गृह प्रवेश, नौकरी व व्यापार का आरंभ, भूमि पूजन, वाहन व विशेष वस्तुओं की खरीदारी, जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करने से सफलता सुनिश्चित होती है.

रिश्तों में होगी मधुरता का प्रवाह

राकेश झा के अनुसार प्रेम के देवता कामदेव और ज्ञान की देवी सरस्वती का योग रिश्तों में संतुलन लेकर आता है. रिश्तों में दरार और कड़वाहट की स्थिति में वसंतपंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण कर देवी सरस्वती की आराधना करने से रिश्तों में मधुरता का प्रवाह होता हैए जिससे रिश्ते मधुर और व्यवहारिक होते हैं. वसंतपंचमी का दिन आपसी मेलजोल, वैवाहिक सुख, भाईचारा, स्नेह और प्रेम में प्रगाढ़ता की वृद्धि करता है.

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सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त

  • रेवती नक्षत्र: सुबह से देर रात 2:14 बजे
  • लाभ-अमृत मुहूर्त: प्रातः 6:36 बजे से सुबह 9:19 बजे तक
  • शुभ योग मुहूर्त: सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12:03 बजे तक
  • अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:41 बजे से 12:25 बजे तक
  • चर-लाभ मुहूर्त: अपराह्न 2:46 बजे से शाम 5:30 बजे तक
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