Buddha Purnima 2025 पर इस विधि से करें पूजा

Buddha Purnima 2025 : बुद्ध पूर्णिमा 2025 का पर्व भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की स्मृति में 12 मई को श्रद्धा भाव से मनाया जाएगा. यहां से जानें कि इस दिन पूजा किस विधि से की जाएगी

By Ashi Goyal | May 12, 2025 12:06 AM
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Buddha Purnima 2025 : बुद्ध पूर्णिमा, जिसे वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है, भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाई जाती है. यह हिंदू और बौद्ध दोनों धर्मों के लिए अत्यंत पावन दिन होता है. 2025 में बुद्ध पूर्णिमा 12 मई को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति (बोधि) और महापरिनिर्वाण – तीनों घटनाएं एक ही तिथि पर घटित हुई थीं, इसलिए यह दिन त्रिपथगामी माना जाता है:-

– बुद्ध पूर्णिमा पूजन विधि

– स्नान एवं संकल्प

प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पवित्र स्नान करें.

स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और शांत चित्त से व्रत व पूजा का संकल्प लें.

– घर में बुद्ध प्रतिमा की स्थापना

भगवान बुद्ध की मूर्ति या चित्र को साफ स्थान पर स्थापित करें..

प्रतिमा के पास दीपक, धूप, पुष्प, जल कलश, फल एवं प्रसाद रखें..

– ध्यान और बुद्ध वंदना

ध्यान करें और ‘बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि’ मंत्र का जाप करें..

यह त्रिरत्न की शरणागति है, जो आत्मशुद्धि का मार्ग दर्शाती है.

– पंचशील और धम्मपद का पाठ

पंचशील (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह) का स्मरण करें.

बुद्ध उपदेशों व धम्मपद का पाठ करें जिससे आत्मज्ञान की दिशा में अग्रसर हो सकें.

– दीप और धूप अर्पण

भगवान बुद्ध को दीपक और धूप अर्पण करें.

पुष्पों से श्रृंगार करें और मधुर बुद्ध भजन गाएं.

– दान-पुण्य का महत्व

गरीबों को अन्न, वस्त्र व दवा दान करें.

गौ सेवा, बालसेवा और रोगी सेवा इस दिन विशेष फल देती है.

– बौद्ध विहार में सेवा

यदि संभव हो तो नजदीकी बौद्ध विहार जाकर वहां दीपदान, सत्संग और भोजन दान करें.

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बुद्ध पूर्णिमा आत्मबोध, करुणा और शांतिपथ का प्रतीक पर्व है. इस दिन हम अपने जीवन में अहिंसा, सत्य और ध्यान का समावेश करें तो जीवन सुखमय हो सकता है.

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