जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता, तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता… आज महानवमी के दिन इस आरती के पढ़े बिना पूजा रह जाती है अधूरी, देखें Video

Chaitra Navratra 2021: आज चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन है. आज का दिन महानवमी या दुर्गा नवमी के नाम से लोकप्रिय है. महानवमी के दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना होती है. मां सिद्धिदात्री की आराधना से भक्तों के सभी शोक, भय और रोग का नाश हो जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2021 6:22 AM
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Chaitra Navratra 2021: आज चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन है. आज का दिन महानवमी या दुर्गा नवमी के नाम से लोकप्रिय है. महानवमी के दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना होती है. मां सिद्धिदात्री की आराधना से भक्तों के सभी शोक, भय और रोग का नाश हो जाता है. मां सिद्धिदात्री जीवन में होने वाली अनहोनी से भी रक्षा करती हैं. वह मोक्ष दायिनी भी हैं. भगवान शिव भी मां सिद्धिदात्री का आराधना करते हैं. मान्यता है कि पूजा के दौरान अगर ये आरती और मंत्र नहीं पढ़ी जाती है तो मां सिद्धिदात्री की पूजा अधूरी रह जाती है…

मां सिद्धिदात्री की आरती

जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।

तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।

तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।

जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।

तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।

तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है।

रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।

तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।

तू सब काज उसके करती है पूरे।

कभी काम उसके रहे ना अधूरे।

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।

रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।

सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।

जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।

महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।

भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।

मंत्र

अमल कमल संस्था तद्रज:पुंजवर्णा, कर कमल धृतेषट् भीत युग्मामबुजा च।

मणिमुकुट विचित्र अलंकृत कल्प जाले; भवतु भुवन माता संत्ततम सिद्धिदात्री नमो नम:।

ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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