Chaitra Purnima 2024: चैत्र पूर्णिमा इस साल 23 अप्रैल, मंगलवार को हनुमान जयंती के साथ मनाई जाएगी. इस बार पूर्णिमा पर चित्रा नक्षत्र का प्रभाव रहेगा, जो इसे और भी अधिक विशेष बनाता है. शास्त्रों के अनुसार, जब पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में होती है तो इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है.
ग्रहों का अद्भुत संयोग
इस बार चैत्र पूर्णिमा पर ग्रहों का अद्भुत संयोग बन रहा है. सूर्य, चंद्रमा, बुध, गुरु, शनि और राहु ग्रह एक ही राशि में विराजमान रहेंगे. इन ग्रहों के प्रभाव से इस पूर्णिमा का व्रत रखना और भी अधिक फलदायी होगा.
दोगुना लाभ
चैत्र पूर्णिमा पर व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होने के साथ-साथ धन-धान्य की वृद्धि, मोक्ष की प्राप्ति और समस्त रोगों से मुक्ति मिलती है. इस बार हनुमान जयंती के साथ पूर्णिमा का व्रत रखने से दोगुना लाभ मिलने की मान्यता है.
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पूर्णिमा तिथि और व्रत का समय
पूर्णिमा तिथि का आरंभ 23 अप्रैल, मंगलवार को सुबह 3 बजकर 26 मिनट पर होगा और 24 अप्रैल, बुधवार को सुबह 5 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा. उदया तिथि में पूर्णिमा 23 तारीख को होने के चलते पूर्णिमा का व्रत मंगलवार को ही रखा जाएगा.
पूर्णिमा तिथि और व्रत का समय
पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 23 अप्रैल, मंगलवार, सुबह 3:26 बजे
पूर्णिमा तिथि का समापन: 24 अप्रैल, बुधवार, सुबह 5:19 बजे
उदया तिथि में पूर्णिमा: 23 अप्रैल, मंगलवार
पूर्णिमा व्रत: 23 अप्रैल, मंगलवार
पूर्णिमा व्रत का महत्व
चैत्र पूर्णिमा का व्रत माता जानकी को समर्पित है.इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और भगवान राम की पूजा करना शुभ माना जाता है. व्रत रखने वालों को मन, तन और धन की प्राप्ति होती है.
पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
पूर्णिमा व्रत का संकल्प लें.
भगवान हनुमान की पूजा करें.
गाय को गुड़, दूध, फल और अन्य चीजें खिलाएं.
चंद्रमा को अर्घ्य दें.
रात्रि में देवी-देवताओं की पूजा करें.
अगले दिन सुबह सूर्यदेव को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें.
Jyotishaachary Sanjeet Kumar mishra
Astlogy Vastu & jem speciality
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