शनिदेव होंगे उदय
25 मार्च को होली से एक सप्ताह पहले 18 मार्च को शनिदेव उदय होंगे. शनि का उदय लोगों के जीवन पर काफी असर डालेगा, इसके अलावा होली से पहले सूर्य भी गोचर करके मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे. वहीं मीन राशि में पहले से ही राहु ग्रह मौजूद हैं. सूर्य गोचर से मीन राशि में सूर्य और राहु की युति बनेगी. राहु का सूर्य या चंद्रमा के साथ होना ग्रहण योग बनाता है, जिसे ज्योतिष में अशुभ माना गया है. मीन राशि में सूर्य राहु मिलकर ग्रहण योग बनाएंगे, इसका भी अहम प्रभाव राशियों पर पड़ेगा.
चंद्र ग्रहण और ग्रहण योग बिगाड़ेंगे खेल
25 मार्च को होली के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगना और इसी समय मीन राशि में ग्रहण योग बनना कुछ लोगों के लिए बहुत अशुभ साबित होगा. चंद्र ग्रहण होली के दिन 25 मार्च को सुबह 10 बजकर 24 मिनट से दोपहर 03 बजकर 01 मिनट तक रहेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. फिर भी इसका असर लोगों के जीवन पर पड़ेगा.
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन किया जाता है. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 24 मार्च 2024 को सुबह 8 बजकर 13 मिनट से होगी और अगले दिन 25 मार्च 2024 को सुबह 11 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. पंचांग के अनुसार साल 2024 में होलिका दहन के लिए 24 मार्च की रात 11 बजकर 13 मिनट से देर रात 12 बजकर 07 मिनट तक का शुभ मुहूर्त है. शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के बाद ही होलिका की पूजा कर उसे जलाया जाता है. होलिका दहन के दिन भद्रा भी लग रही है. यह भद्रा 24 मार्च की शाम 06 बजकर 33 मिनट से शुरू होगी और इसकी समाप्त रात 10 बजकर 06 मिनट पर होगी. होलिका दहन के समय भद्रा का साया नहीं रहेगा. ऐसे में पूजा में कोई अवरोध नहीं आएगा.
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होलिका दहन के समय क्या करें
होलिका दहन का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है, इस दौरान होलिका की विधिवत पूजा करें. होलिका दहन के बाद अगले दिन होलिका की राख चुटकी भर माथे पर लगाएं. धार्मिक मान्यता है इससे बुरी शक्तियां दूर रहती है, इस दिन खड़ा नमक, मिर्च, राई अपने ऊपर या कोई रोगी के सर से 7 बार वारकर होलिका में डाल दें. इससे नजरदोष दूर होता है.