– शंख और तांबे के पात्र का दान
देवशयनी एकादशी के दिन शंख और तांबे के पात्र का दान करने से विष्णु भगवान अत्यंत प्रसन्न होते हैं. शंख श्रीहरि का प्रिय है और तांबा शुद्धता का प्रतीक है. यह दान करने से आरोग्य, दीर्घायु और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
– पीला वस्त्र और चंदन
भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है. इस दिन पीले वस्त्र, चंदन और केसर का दान करने से जीवन में शुभता और सौभाग्य आता है. यह दान आत्मिक शांति, मानसिक बल और सत्संग की प्राप्ति में सहायक होता है. इसे विष्णु भक्ति का प्रतीक भी माना गया है.
– अन्न, जल और फल
देवशयनी एकादशी पर अन्न, जल और ताजे फलों का दान करना अत्यंत पुण्यकारी होता है. यह दान विशेष रूप से ब्राह्मण, गरीब और भूखे लोगों को किया जाना चाहिए. इससे अन्नदाता को जीवन में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है.
– पंखा, चटाई और छाता
गर्मियों में उपयोगी वस्तुएं जैसे पंखा, चटाई, छाता आदि का दान करने से लोक-परलोक दोनों सुधरते हैं. यह दान तपस्या, सेवा और परोपकार का प्रतीक माना गया है. इससे व्यक्ति के जीवन में गर्मी और दुखों का शमन होता है.
– भागवत गीता या धार्मिक ग्रंथों का दान
इस पावन दिन धार्मिक पुस्तकों का दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. भागवत गीता, विष्णु सहस्रनाम या रामायण का दान करने से व्यक्ति को ज्ञान, विवेक और आध्यात्मिक उन्नति का वरदान प्राप्त होता है. यह दान सत्कर्मों की ओर प्रेरित करता है.
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देवशयनी एकादशी एक अद्भुत और पुण्यदायी तिथि है. इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक इन वस्तुओं का दान किया जाए, तो भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति संभव हो जाती है.