Diwali 2024 Actual Date: दिवाली, जिसे रौशनी का त्यौहार कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसे पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने घरों को अलग-अलग प्रकार की रोशनी से सजाते हैं. दिवाली पांच दिनों तक चलने वाला उत्सव है, जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर समाप्त होता है. धनतेरस का दिन खासतौर पर शुभ माना जाता है और इस दिन सोना-चांदी जैसी धातुएं खरीदने का रिवाज है.
इन पांच दिनों में कई धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है, जिसमें देवी लक्ष्मी और अन्य देवताओं की पूजा होती है.अमावस्या, जो पांच दिवसीय उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण दिन है, लक्ष्मी पूजा, लक्ष्मी-गणेश पूजा या दिवाली पूजा के रूप में मनाया जाता है.जानिए दिवाली के पांच दिनों की खासियत और शुभ मुहूर्त.
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29 अक्टूबर (मंगलवार): धनतेरस या धन त्रयोदशी/यम दीपम
धनतेरस का दिन समृद्धि और शुभता का प्रतीक है. इस दिन लोग नई धातु, खासतौर पर सोना या चांदी खरीदते हैं क्योंकि यह मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई धातुएं परिवार में खुशहाली और धन-धान्य लाती हैं. पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:31 बजे से रात 8:13 बजे तक रहेगा. इस दिन भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन कुछ नया खरीदने से घर में लक्ष्मी का वास होता है.
31 अक्टूबर (गुरुवार): नरक चतुर्दशी/छोटी दिवाली
इस दिन को ‘छोटी दिवाली’ भी कहा जाता है.यह दिन भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर राक्षस का वध करने की कथा से जुड़ा है. लोग सुबह जल्दी उठकर अभ्यंग स्नान करते हैं, जो शरीर और मन को शुद्ध करने का प्रतीक है. इस दिन का अभ्यंग स्नान मुहूर्त सुबह 5:20 बजे से 6:32 बजे तक है. चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे शुरू होगी और 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे समाप्त होगी.
1 नवंबर (शुक्रवार): दिवाली/लक्ष्मी पूजा
दिवाली का मुख्य दिन सबसे खास होता है. इस दिन लक्ष्मी माता का स्वागत किया जाता है ताकि घर में सुख-समृद्धि और धन की वर्षा हो. लोग शाम को लक्ष्मी पूजन करते हैं, दीये जलाते हैं और पूरे घर को जगमगाते हैं. लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:36 बजे से 6:16 बजे तक है.इस दिन परिवार और मित्रों के साथ मिलकर पटाखे जलाने और मिठाइयां बांटने का मजा ही कुछ और होता है!
2 नवंबर (शनिवार): गोवर्धन पूजा/अन्नकूट
गोवर्धन पूजा का दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाकर मथुरा के लोगों को इंद्र देव के कोप से बचाने की कथा से जुड़ा है. इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और अन्नकूट का आयोजन होता है, जिसमें ढेर सारे व्यंजनों का भोग लगाया जाता है.पूजा का मुहूर्त सुबह 6:34 बजे से 8:46 बजे तक है. गोवर्धन पर्वत की पूजा कर लोग अपने जीवन में सभी कठिनाइयों से उबरने की प्रार्थना करते हैं.
3 नवंबर (रविवार): भाई दूज/यम द्वितीया
दिवाली का पांचवां और अंतिम दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और उनकी खुशहाली की कामना करती हैं. भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं और एक दूसरे को उपहार देते हैं. यह दिन भाई-बहन के प्यार और विश्वास का प्रतीक है. अपराह्न का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 बजे से 3:22 बजे तक रहेगा.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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