Gayatri Jayanti 2025: गायत्री जयंती हर वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है. यह पावन दिन मां गायत्री को समर्पित होता है, जिनका इसी दिन प्राकट्य माना गया है. गायत्री माता को वेदों की जननी – वेदमाता कहा जाता है, क्योंकि ऐसा विश्वास है कि चारों वेद, शास्त्र और श्रुतियाँ उन्हीं से उत्पन्न हुई हैं. उन्हें देवमाता के रूप में भी पूजा जाता है.
गायत्री जयंती के अवसर पर माता के विशेष पूजन, हवन और गायत्री मंत्र का जप करने से आध्यात्मिक शक्ति और मानसिक शांति प्राप्त होती है. इस दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं और विधिवत पूजा कर पुण्य अर्जित करते हैं. आइए जानें कि इस वर्ष गायत्री जयंती कब मनाई जाएगी और इस दिन किन मंत्रों का जाप करना चाहिए.
कब है गायत्री जयंती? जानिए सही तारीख और पूजन का पूरा तरीका
कब है गायत्री जयंती
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 6 जून को देर रात 2 बजकर 15 मिनट पर होगी और इसका समापन 7 जून को सुबह 4 बजकर 47 मिनट पर होगा. सनातन परंपरा में उदया तिथि को प्रमुख माना जाता है, इसी कारण इस वर्ष गायत्री जयंती 6 जून को श्रद्धा और विधिपूर्वक मनाई जाएगी.
गायत्री जयंती के दिन गायत्री मंत्र का करें जप
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्.
इस मंत्र का अर्थ है
हम उस जीवनदायक, दुःखों का नाश करने वाले और परम आनंद स्वरूप ईश्वर का ध्यान करते हैं, जिसने इस सम्पूर्ण सृष्टि की रचना की है और जो पूज्यनीय एवं प्रकाशस्वरूप है. वह परम देव हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करें और हमें अज्ञानता के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाएं.
गायत्री जयंती पर करें ये सरल और प्रभावी उपाय
यदि आप गायत्री जयंती के दिन मंत्र जप करने में असमर्थ हैं, तो केवल श्रद्धा भाव से मां गायत्री की पूजा करें. पूजा के बाद गायत्री चालीसा का पाठ अवश्य करें, जिसमें मां की महिमा और उपासना का सुंदर वर्णन मिलता है. चालीसा का पाठ पूर्ण होने पर घी का दीपक जलाकर मां गायत्री की आरती करें. आरती करने से पूजा में हुई त्रुटियां समाप्त हो जाती हैं और मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है. ऐसा करने से आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है.