– गायत्री मंत्र का जाप करें (108 या 1008 बार)
गायत्री जयंती पर सबसे महत्वपूर्ण कार्य है — गायत्री मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करना. “ओम् भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्” इस मंत्र का उच्चारण मानसिक शुद्धि, बुद्धि विकास और आत्मिक शांति के लिए अत्यंत प्रभावशाली होता है.
– गायत्री यज्ञ या हवन करें
इस दिन गायत्री यज्ञ करना अत्यंत पुण्यदायी होता है. शुद्ध देसी घी, जौ, तिल, गुड़ और हवन सामग्री के साथ यज्ञ कर, उसमें गायत्री मंत्र की आहुतियां दें. इससे वातावरण शुद्ध होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
– ब्राह्मणों या विद्यार्थियों को दान दें
गायत्री माता को ज्ञान की देवी कहा गया है, अतः इस दिन जरूरतमंद विद्यार्थियों को किताबें, स्टेशनरी या ब्राह्मणों को अन्न-वस्त्र का दान करना विशेष फलदायी माना जाता है. इससे माताजी प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति को विद्या, विवेक और सफलता का आशीर्वाद मिलता है.
– व्रत रखें व सात्त्विक आहार लें
इस दिन व्रत रखना और सात्त्विक भोजन (जैसे फल, दूध, सूखे मेवे) का सेवन करना आत्मिक शुद्धि में सहायक होता है. साथ ही, दिन भर संयम और भक्ति भाव बनाए रखना चाहिए. इससे तन, मन और वाणी की पवित्रता बनी रहती है.
– गायत्री चालीसा और स्तुति का पाठ करें
गायत्री चालीसा और देवी स्तुति का पाठ कर माताजी की महिमा का गुणगान करें. इससे मन को शांति मिलती है और देवी का आशीर्वाद सहज प्राप्त होता है, सामूहिक रूप से गायन करना और परिवार के साथ पूजन करना अत्यंत शुभ होता है.
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गायत्री जयंती एक ऐसा दिन है जब व्यक्ति अपने जीवन को आध्यात्मिकता से जोड़ सकता है. इन 5 कार्यों को श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से माताजी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में ज्ञान, सफलता और शांति का मार्ग प्रशस्त होता है.