गुरु प्रदोष पर बन रहा शुभ संयोग
गुरु प्रदोष व्रत 18 जुलाई दिन गुरुवार को है. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 जुलाई 2024 को शाम 8 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी, जो 19 जुलाई 2024 दिन शुक्रवार को शाम 7 बजकर 41 पर खत्म होगी. ऐसे में गुरुवार के दिन 18 जुलाई को गुरु प्रदोष व्रत का शुभ संयोग है. इस बार गुरु प्रदोष पर विशेष ब्रह्म योग बनने जा रहा है. जिसका निर्माण सुबह 6 बजकर 14 से शुरू होगा और 19 जुलाई को सुबह 4 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. गुरु प्रदोष व्रत पर प्रदोष काल संध्याकाल 08 बजकर 44 मिनट से लेकर 09 बजकर 22 मिनट तक है. इस दौरान भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए सबसे अच्छा समय है.
दुर्लभ संयोग में रखा जाएगा प्रदोष व्रत
गुरु प्रदोष व्रत पर दुर्लभ ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है. इस योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 14 मिनट से हो रहा है. ब्रह्म मुहूर्त के साथ ही गुरु प्रदोष पर शिववास योग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है. इस दिन भगवान शिव कैलाश पर विराजमान होंगे, इसके बाद नंदी पर सवार हो जाएंगे. आषाढ़ मास की त्रयोदशी तिथि पर गुरु प्रदोष व्रत के दिन इस बार बव, बालव और कौलव करण संयोग भी बन रहे हैं. धार्मिक मान्यता है कि इन विशेष संयोगों में भगवान शिव की पूजा करने पर साधक को मनचाहा वरदान मिलता हैं और बिगड़े काम बनने लगते हैं.
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प्रदोष व्रत के दिन जरूर करें ये काम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु प्रदोष के दिन जल में काला तिल और गुड़ मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें. इस दिन ये उपाय करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-सौभाग्य का वरदान देते हैं. अगर आप किसी भी प्रकार के कार्य कर रहे है और बार बार असफल हो जा रहे है तो प्रदोष व्रत के दिन काले तिल को छत पर पक्षियों के खाने के लिए रख दें. ऐसा करने से आपको सभी कार्यों में सफलता मिलने लगेगी.