– वह 1 गलती जिसे हरियाली तीज पर हर हाल में टालना चाहिए :
– शिव-पार्वती की मूर्तियों को अलग-अलग पूजना
- हरियाली तीज के दिन कुछ लोग शिव और पार्वती की अलग-अलग पूजा कर लेते हैं या केवल माता पार्वती की पूजा करते हैं, जो धार्मिक दृष्टिकोण से अपूर्ण माना जाता है.
- धार्मिक मान्यता:
- हरियाली तीज का मुख्य उद्देश्य शिव-पार्वती के मिलन की स्मृति और सौभाग्य की कामना है. ऐसे में दोनों की संयुक्त पूजा ही पूरी मानी जाती है.
- क्या करें:
- पूजा में शिव और पार्वती की एक साथ बैठी हुई मूर्ति या तस्वीर रखें.
दोनों को एक समान रूप से पूजा अर्पित करें – जल, फूल, अक्षत, सिंदूर, और चूड़ी आदि.
पूजा करते समय ध्यान रखें ये अन्य बातें भी
– व्रत में पूर्ण निराहार रहें
यह व्रत कठोर माना जाता है, लेकिन यदि स्वास्थ्य ठीक न हो, तो फलाहार किया जा सकता है.
– श्रृंगार समर्पण माता पार्वती को करें
हरियाली तीज पर हरी चूड़ियां, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर आदि अर्पण करना सौभाग्यवती स्त्री के लिए विशेष फलदायक होता है.
– कथा और भजन जरूर करें
तीज व्रत की कथा सुनना आवश्यक है, जो पार्वती जी के 108 जन्मों तक तपस्या करने के वर्णन पर आधारित है.
– मन में पवित्रता और श्रद्धा बनाए रखें
व्रत का वास्तविक फल तभी प्राप्त होता है, जब पूजा सच्चे मन से की जाए. दिखावा और मन का अहंकार पूजा के फल को नष्ट कर सकता है.
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हरियाली तीज पर यदि आप शिव-पार्वती की पूजा संयुक्त रूप से, विधिपूर्वक और श्रद्धा से करते हैं, तो देवी पार्वती का आशीर्वाद आपके वैवाहिक जीवन को सुखमय बना सकता है. सौभाग्य, प्रेम और समर्पण का यह पर्व सभी के जीवन में हरियाली लाए.