– मिट्टी की शिव-पार्वती प्रतिमा या चित्र
हरियाली तीज के दिन शिव-पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा या पारंपरिक चित्र स्थापित करना शुभ माना जाता है. प्रतिमा की स्थापना पूर्व दिशा की ओर करें और पूजा से पहले उन्हें गंगाजल से शुद्ध करें. यह प्रतीक है शुद्धता और साधना का.
– बेलपत्र, दूर्वा और चावल
बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करने के लिए आवश्यक है, जबकि दूर्वा घास और साबुत अक्षत पूजा की पूर्णता का प्रतीक होते हैं. बेलपत्र पर “ओम नमः शिवाय” लिखकर अर्पित करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
– सुहाग की सामग्री – सोलह श्रृंगार
हरियाली तीज का पर्व सुहाग और सौभाग्य से जुड़ा है, इसलिए पूजा में चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, कंघी, मेहंदी, लाल चुनरी आदि सोलह श्रृंगार की वस्तुएं माता पार्वती को अर्पित की जाती हैं. इससे सुहाग का आशीर्वाद मिलता है और वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है.
– नारियल, फल, मिठाई और पंचामृत
शिव-पार्वती को फल, नारियल, मिश्री, और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से भोग लगाया जाता है. यह भोग पवित्रता, समर्पण और प्रसन्नता का प्रतीक होता है. पूजा के बाद इन्हें परिवार में प्रसाद रूप में वितरित करें.
– कलश, दीपक और पूजा थाली
पूजन में एक जल भरा कलश, मिट्टी या पीतल का दीपक, और सजी हुई पूजा थाली की आवश्यकता होती है. दीपक में गाय के घी या तिल के तेल का उपयोग करें और पूजा करते समय “ओम शिवायै नमः” तथा “ओम पार्वत्यै नमः” मंत्रों का जाप करें.
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हरियाली तीज 2025 पर विधिवत पूजन सामग्री के साथ शिव-पार्वती की आराधना करने से वैवाहिक जीवन में सुख, सौभाग्य और समर्पण की वृद्धि होती है. विशेष रूप से इस दिन माता पार्वती को सुहाग की चीजें अर्पित करने से उनका आशीर्वाद जीवनभर बना रहता है.