Hariyali Teej 2025 पर दान का महत्व, किन चीजों का दान करने से मिलता है पुण्य

Hariyali Teej 2025 : हरियाली तीज पर किया गया दान न केवल धार्मिक नियमों का पालन है, बल्कि यह आत्मिक शुद्धि, पापों का क्षय और देवी पार्वती की कृपा पाने का श्रेष्ठ माध्यम है.

By Ashi Goyal | July 11, 2025 11:40 PM
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Hariyali Teej 2025 : हरियाली तीज का पर्व भारतीय संस्कृति में सौभाग्य, प्रेम और भक्ति का प्रतीक माना जाता है. यह दिन माता पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन की स्मृति में मनाया जाता है. व्रत, पूजा, श्रृंगार और भक्ति के साथ-साथ इस दिन दान का विशेष महत्व बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार, हरियाली तीज के दिन कुछ खास चीजों का दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है, जो जीवन में सुख, शांति और सौभाग्य लेकर आता है. आइए जानते हैं उन पवित्र वस्तुओं के बारे में जिनका दान हरियाली तीज पर शुभ माना गया है:-

– सुहाग सामग्री का दान

हरियाली तीज के दिन विवाहित महिलाएं विशेष रूप से चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी, काजल, बिचुए आदि सुहाग की वस्तुएं अन्य स्त्रियों को दान करती हैं. इसे ‘सौभाग्य सामग्री’ का दान कहा जाता है. मान्यता है कि इससे माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और दात्री को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

– अनाज और फल दान

इस दिन गेहूं, चावल, मूंग, तिल आदि अनाज और मौसमी फल का दान अत्यंत पुण्यकारी माना गया है. यह दान विशेष रूप से निर्धनों या ब्राह्मणों को देना चाहिए. इससे जीवन में कभी अन्न का अभाव नहीं होता और परिवार में समृद्धि बनी रहती है.

– वस्त्र और श्रृंगार का दान

हरियाली तीज पर नई साड़ी, दुपट्टा, चूड़ियां, बर्तन या श्रृंगार सामग्री दान करने से दरिद्रता दूर होती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है. यदि यह दान किसी कन्या या ब्राह्मणी को किया जाए, तो इसका फल और भी अधिक मिलता है.

– धातु के पात्र और दक्षिणा

पीतल, तांबा या स्टील के बर्तन में भरकर दान देना हरियाली तीज पर अत्यंत शुभ माना गया है. साथ में दक्षिणा (कुछ धन राशि) देना भी पुण्य का कार्य है. इससे संकल्प सिद्ध होते हैं और व्रती का जीवन बाधा मुक्त होता है.

– हरियाली का दान

इस दिन तुलसी का पौधा, पान के पत्ते, फूलों की माला आदि का दान भी बहुत शुभ माना जाता है। यह न केवल पर्यावरण को लाभ देता है, बल्कि पितृ दोष निवारण में भी सहायक होता है. हरियाली का दान करने से घर में शांति और संतुलन बना रहता है.

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हरियाली तीज पर किया गया दान न केवल धार्मिक नियमों का पालन है, बल्कि यह आत्मिक शुद्धि, पापों का क्षय और देवी पार्वती की कृपा पाने का श्रेष्ठ माध्यम है. इस दिन श्रद्धा से किया गया छोटा सा दान भी जीवन को पुण्य, सौभाग्य और संतोष से भर सकता है.

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