Holika Dahan 2024: होली के दिन बन रहा दुर्लभ संयोग, जानें होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा टाइम
Holika Dahan 2024: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शाम को होलिका जलाई जाती है और अगले दिन रंग वाली होली खेली जाती है. होलिका दहन से पहले शुभ मुहूर्त देखना अनिवार्य होता है. बिना मुहूर्त के होलिका दहन नहीं करना चाहिए. आइए जानते है इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है..
By Radheshyam Kushwaha | March 22, 2024 2:54 PM
Holika Dahan 2024 Date: रंगों का त्योहार होली की धूम हर तरफ दिखने लगी है. होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस साल होली 25 मार्च को मनाई जाएगी. इस साल होली के दिन कई दुर्लभ योग बन रहे है. इस दिन होली पर शश योग, बुधादित्य योग, वृद्धि योग, लक्ष्मीनारायण योग और धन योग का संयोग बनेगा. इन 5 दुर्लभ योग में होली का पर्व मनाया जाएगा. बता दें कि होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर त्योहार को मनाने का शुभ समय और मुहूर्त होता है. होलिका दहन का भी एक मुहूर्त है, इसके अनुसार ही पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. होलिका दहन को ही छोटी होली भी कहा जाता है. आइए जानते है होलिका दहन का मुहूर्त-पूजा विधि और महत्व…
होलिका दहन का शुभ समय
होली का त्योहार पूर्णिमा तिथि और होलिका दहन के मुहूर्त को देखकर निर्धारित होता है, इस बार पूर्णिमा तिथि 24 और 25 मार्च दोनों दिन रहेगी. पंचांग के अनुसार, 24 मार्च 2024 की सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर फाल्गुन पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी और 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म होगी. हालांकि होलिका दहन से पहले यह देखना होता है कि भद्रा न हो. 24 मार्च 2024 को सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर भद्रा लग जाएगी और रात 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगी. इस दिन भद्रा होने के कारण प्रदोष काल में होलिका दहन नहीं हो पाएगी. ऐसे में भद्रा के खत्म होने का इंतजार करना होगा. 24 मार्च को होलिका दहन के लिए शुभ समय रात 11 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक है.
होलिका दहन पूजा विधि
होलिका दहन करने के लिए एक सप्ताह पहले ही गली के चौक पर या किसी मैदान में लकड़ियां, कंडे और झाड़ियां इकट्ठा करके होलिका तैयार की जाती है. इस लकड़ियों के ढेर को होलिका दहन के दिन जलाया जाता है. होलिका पूजन के लिए पूर्व या उत्तर की ओर अपना मुख करके बैठना चाहिए. होलिका पूजन करने के लिए गाय के गोबर से होलिका और प्रह्लाद की प्रतिमाएं बनाएं. फिर पूजा करने के लिए थाली में रोली, फूल, कच्चा सूत, हल्दी, बताशे, फल और एक कलश में पानी भरकर रखें. इसके बाद नरसिंह भगवान का ध्यान करें और फिर रोली, चावल, मिठाई, फूल आदि अर्पित करें. भगवान नरसिंह का नाम लेकर पांच अनाज चढ़ाएं. अंत में अक्षत, हल्दी और फूल अर्पित करें.