International Yoga Day 2025: संगम क्षेत्र में हुआ विशेष ‘योग संगम’ का आयोजन

International Yoga Day 2025: अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर के अवसर पर संगम नगरी प्रयागराज में 'योग संगम' का भव्य आयोजन हुआ. वैदिक परंपरा और योग साधना के इस मिलन ने आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया. देशभर से आए योग साधकों और वैदिक विद्वानों ने मिलकर योग के गूढ़ रहस्यों को साझा किया और सामूहिक अभ्यास किया.

By Shaurya Punj | June 21, 2025 9:02 AM
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‘योग संगम’ के जरिए वेदपाठियों को दिया गया योगः कर्मसु कौशलम् का मंत्र

योग शरीर, मन और आत्मा को एकाग्रचित्त करने का बेहद प्रभावी माध्यम – शिवानन्द द्विवेदी

महर्षि सांदिपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन और आयुष मंत्रालय के निर्देश पर 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन झूसी स्थित श्री स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि वेद विद्यालय में हुआ. वेद पाठशाला के प्राचार्य ब्रजमोहन पांडेय, शुक्ल यजुर्वेदाचार्य गौरव चंद्र जोशी, शिवानंद द्विवेदी, अंजनी कुमार सिंह के नेतृत्व में करीब 50 छात्रों ने सूर्य नमस्कार, अनुलोम विलोम, ताड़ासन, प्राणायाम, ध्यान सहित स्वस्थ जीवनशैली से संबंधित योगाभ्यास किया. प्राचार्य ब्रजमोहन पांडेय ने कहा कि सूर्य नमस्कार अपने आप में पूर्ण साधना है, जिसमें आसन, प्राणायाम, मंत्र, और ध्यान शामिल हैं. इसका नियमित रुप से अभ्यास करने से न सिर्फ आयु बढ़ती है बल्कि ज्ञानवर्धन भी होता है. उन्होंने वेद छात्रों को भगवद गीता में भगवान कृष्ण द्वारा कर्मयोग की महत्ता बताते हुए “योगः कर्मसु कौशलम्” के सूत्र को समझाया जिसका अर्थ है “कर्मों में कुशलता ही योग है”. पांडेय ने कहा कि कर्मों को कुशलतापूर्वक, समर्पण और बिना आसक्ति के करना ही योग है. जब हम अपने कर्मों को कुशलता से करते हैं, तो हम न केवल अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं, बल्कि आंतरिक व आध्यात्मिक विकास भी करते हैं.

कैसे योग जीवन को बनाता है संतुलित और शांत

संस्कृत अध्यापक शिवानंद द्विवेदी ने कहा कि योग शरीर, मन और आत्मा को एकाग्रचित्त करने का बेहद प्रभावी माध्यम है, जिससे न सिर्फ शरीर बल्कि मस्तिष्क भी स्वस्थ होता है. यह विश्व को भारत द्वारा दी गई एक अमूल्य धरोहर है. शुक्ल यजुर्वेद के आचार्य गौरव जोशी ने बताया कि वेद पाठशाला में वैदिक छात्र प्रातःकाल नियमित रूप से संध्या, ध्यान, प्राणायाम, योगाभ्यास करते हैं. इससे उन्हें वेद मंत्रों के कंठस्थीकरण में काफी मदद मिलती है. ऐसा करके छात्र अपने शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को भी तंदरुस्त बनाए रखते हैं. ‘योग संगम’ के जरिए वैदिक छात्रों ने ‘सर्वे सन्तु निरामया’ का संदेश दिया जिसका अर्थ है सभी रोग मुक्त हों.

श्री स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि वेद विद्यालय में आयोजित यह कार्यक्रम सफल रहा. इस वर्ष योग दिवस की थीम “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” रखी गई है, जो व्यक्ति, समाज और पर्यावरण की आपसी जुड़ाव और संतुलन को दर्शाती है साथ ही सामुदायिक एकता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को भी बढ़ावा देता है.

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