Jagannath Rath Yatra 2025: जानिए कब होगी रथ यात्रा की शुरुआत, यहां जानें डेट

Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा भारत के ओडिशा राज्य के पुरी नगर में हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू पर्व है. यह पर्व भगवान विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ, उनके भ्राता बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित होता है.

By Shaurya Punj | June 16, 2025 2:10 PM
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Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा हिंदू धर्म का एक अत्यंत भव्य और आस्था से भरा पर्व है, जिसे हर वर्ष ओडिशा के पुरी में पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. यह उत्सव भगवान जगन्नाथ, उनके भ्राता बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, रथ यात्रा की शुरुआत हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होती है. आइए जानते हैं इस वर्ष यह पावन यात्रा कब आरंभ होगी. रथ यात्रा 2025

इस दिन से रथयात्रा शुरू

इस वर्ष भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 27 जून से आरंभ होकर 5 जुलाई को पूर्ण होगी. ऐसी मान्यता है कि इस शुभ यात्रा में भाग लेने और भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से जीवन की समस्त परेशानियां और दुख दूर हो जाते हैं. साथ ही, व्यक्ति को मृत्यु उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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जगन्नाथ रथ यात्रा हिंदू धर्म का एक दिव्य और भव्य उत्सव है, जिसे हर वर्ष ओडिशा के पुरी नगर में बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है. यह पर्व भगवान जगन्नाथ, उनके भ्राता बलभद्र और भगिनी सुभद्रा को समर्पित होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, रथ यात्रा की शुरुआत प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होती है. आइए जानते हैं इस वर्ष यह महायात्रा कब प्रारंभ होगी.

रथ यात्रा का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को हिंदू संस्कृति में अत्यंत पुण्यदायी माना गया है. इस दिन भगवान अपने विशाल रथों में आरूढ़ होकर भक्तों को दर्शन देने नगर भ्रमण पर निकलते हैं. यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा तीन अलग-अलग रथों में सवार होकर पुरी स्थित गुंडीचा मंदिर तक जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि गुंडीचा मंदिर भगवान की मौसी का घर है, जहां वे कुछ दिनों के लिए विश्राम करते हैं.

यह यात्रा केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है. हर साल लाखों श्रद्धालु इस महायात्रा में भाग लेकर अपने जीवन को कृतार्थ मानते हैं और भगवान के सान्निध्य का लाभ प्राप्त करते हैं.

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